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नवादा डीएम ने कहा- समय पर खुलना चाहिए आंगनबाड़ी केन्द्र, वाट्सएप ग्रुप के जरिए लिया जाए फीडबैक

Nawada News नवादा की डीएम उदिता सिंह ने मीटिंग करके जिलों में आंगनबाड़ी को समय पर खोलने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मैन्यू का भी खास ख्याल रखने के साथ ही वाट्सएप ग्रुप के जरिए केन्द्रों का फीडबैक लेने की बात कही है।

By Rahul KumarEdited By: Updated: Sun, 12 Jun 2022 12:36 PM (IST)
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नवादा की डीएम उदीता सिंह। फाइल फोटो -

संवाद सहयोगी, नवादा। समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को बाल विकास परियोजना की समीक्षा बैठक हुई। जिलाधिकारी उदिता सिंह ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से परिचय प्राप्त करते हुए उनके द्वारा अब तक किए गए कार्यों के क्रियान्वयन के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान जनप्रतिनिधियों और आम जनता से शिकायत मिलती है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुलते हैं। सभी केंद्रों को ससमय खोलने को लेकर कार्रवाई करें। मेन्यू और गुणवत्ता के साथ बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को साफ रखें, शौचालय भी साफ रखें।

बच्चों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था साफ-सुथरे बर्तन में करें। उन्होंने सभी सीडीपीओ और डीपीओ को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रतिदिन इसकी मानीटरिंग करने के लिए प्रखंडों में व्हाट्सए ग्रुप बनाएं और प्रतिदिन सभी केंद्रों का फीडबैक प्राप्त करें। जिस केंद्र पर निर्धारित कार्य नहीं होंगे, वहां विधि सम्मत कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

प्रखंडों में केंद्र के अनुपात में महिला पर्यवेक्षकों की करें तैनाती 

जिले में 2484 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिले में कुल 40 महिला सुपरवाइजर कार्यरत हैं। उन्होंने डीपीओ आइसीडीएस को निर्देश दिया कि प्रखंडों में केंद्र के अनुसार महिला सुपरवाइजर को स्थानांतरित करना सुनिश्चित करें। नवादा सदर में महिला सुपरवाइजरों की संख्या छह है, वहीं काशीचक में एक भी नहीं है। लिहाजा इसके समाधान के लिए एक विस्तृत सूची बनाने का निर्देश दिया। नवादा सदर में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 374, हिसुआ में 130, अकबरपुर में 242, पकरीबरावां में 197, काशीचक में 97, नरहट में 127, मेसकौर में 134, नारदीगंज में 131, वारिसलीगंज में 243, सिरदला में 198, रजौली में 178, गोविंदपुर में 119 और रोह में 183 का संचालन हो रहा है।

जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया कि सभी महिला पर्यवेक्षिका प्रतिदिन जियो टैग फोटो के साथ निरीक्षण  कराना सुनिश्चित करें। प्रतिदिन 11 से 11:30 तक सभी का फोटो अपलोड करने का निर्देश दिया गया। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार द्वारा निर्धारित सुविधाओं को अमल में लाना सुनिश्चित करें। जो सेविका ससमय और गुणवत्ता युक्त कार्य नहीं करती हैं, उन पर विधिसम्मत कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए 66 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त

डीपीओ आइसीडीएस ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र भवन के लिए 66 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त है। नए आंगनबाड़ी केंद्र भवन के निर्माण के लिए उप विकास आयुक्त और डीपीओ को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। डीएम ने उप विकास आयुक्त को कहा कि एक केंद्र के निर्माण लिए सात लाख रुपये आवंटित है, इससे यथाशीघ्र भवन बनवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया कि जून माह तक सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छ शौचालय बनवाना सुनिश्चित करें। नए आंगनबाड़ी भवन का निर्माण मनरेगा और आइसीडीएस के माध्यम से कराया जाएगा। सभी केंद्रों में नल जल के लिए भी सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया।

पीएम मातृत्व वंदना योजना में जिले को पहला स्थान

 प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की समीक्षा में कहा गया कि इसके तहत नवादा जिले को प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसके लिए डीपीओ और सभी सीडीपीओ को जिलाधिकारी ने शाबाशी दी गई और कहा कि यही रैंक बनाए रखना है। जिले में हिसुआ बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा बेहतर कार्य किया गया है। जिला में हिसुआ को प्रथम रैंक प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी ने सीडीपीओ हिसुआ को शाबाशी दी। बता दें कि जिले में हिसुआ प्रखंड में 64, काशीचक में 54 और गोविंदपुर में 50 प्रतिशत कार्य हुआ है। वहीं नरहट का मात्र 20 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की समीक्षा में उन्होंने कहा कि केंद्र में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाना सुनिश्चित करें।

अनुसूचित टोला को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया। जिले के तीन सीडीपीओ दो-दो प्रखंडों के प्रभार में हैं, उन्हें निर्देश दिया गया कि 3-3 दिन दोनों प्रखंड में कार्य करना सुनिश्चित करें। सीडीपीओ कार्यालय के बाहर सूचना अंकित करे कि किस-किस दिन प्रखंड में रहना है। आम जनता से भी मिलने के लिए समय निर्धारित करने का निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार के लिए एसएससी से चावल दिया जाता है, जिसको जिलाधिकारी ने ससमय गुणवत्ता युक्त चावल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। 

18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की सभी महिलाओं को बनाएं साक्षर

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की भी समीक्षा की गई। डीएम ने लिंगानुपात पर चर्चा करते हुए कहा कि पकरीबरावां में लिंगानुपात 767 पर क्यों है, जबकि जिला स्तर पर 919 है। इसमें सुधार लाने को आवश्यक निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि 18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को जिला में पूर्ण साक्षर किया जाना है।

15 अगस्त के पहले प्रत्येक प्रखंड से एक-एक गांव का चयन करें और गांव में रहने वाली सभी महिलाओं को साक्षर करना सुनिश्चित करें। पूर्ण साक्षरता के लिए सही महिलाओं को प्रेरित करने का निर्देश दिया गया। उप विकास आयुक्त और डीपीओ को निर्देश दिया गया कि सप्ताह में साप्ताहिक बाल संरक्षण केंद्र का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। छोटे-छोटे बच्चों से प्यार से बात करें और उनकी शिकायतों को सुनें। मौके पर डीडीसी नैय्यर इकबाल, डीइओ संजय कुमार चौधरी, आइसीडीएस डीपीओ कुमारी रीता सिन्हा, डीपीआरओ सत्येन्द्र प्रसाद, महिला विकास निगम के अजीत अधिकारी उपस्थित थे।