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साइबर क्राइम का बड़ा गढ़ बना बिहार का नवादा, यहां युवाओं को दी जाती है रातों-रात अमीर बनने की ट्रेनिंग

बिहार के नवादा के वारिसलीगंज को अपराधियों की नजर लग गई है। यह इलाका दूसरा जामताड़ा के रूप में प्रसिद्ध होने लगा है जिससे जिले की छवि धूमिल हो रही है। साइबर अपराधियों की तलाश में कई राज्यों की पुलिस कई बार दस्तक दे चुकी है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Updated: Sun, 26 Dec 2021 05:45 AM (IST)
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नवादा के वारिसलीगंज में साइबर और फ़ोन अपराधियों की सक्रियता की सांकेतिक तस्वीर

नवादा, जागरण संवाददाता। नवादा जिले का वारिसलीगंज प्रखंड, यह धरती किसान आंदोलन से जुड़े लोगों की रही है। यहां की चीनी में काफी मिठास और दाने में मोटापन होने के चलते बिहार ही नहीं दूसरे राज्यों के साथ-साथ अमेरिका में डिमांड होती थी। पर अब इस वारिसलीगंज को अपराधियों की नजर लग गई है। यह इलाका दूसरा जामताड़ा के रूप में प्रसिद्ध होने लगा है, जिससे जिले की छवि धूमिल हो रही है। साइबर अपराधियों की तलाश में कई राज्यों की पुलिस कई बार दस्तक दे चुकी है। 

कई शातिरों को गिरफ्तार कर अपने साथ लेते गई है पुलिस

कई शातिरों को गिरफ्तार कर अपने साथ कई राज्यों की पुलिस लेते गई है। लेकिन एक फोन काल में हजारों-लाखों रुपये कमाने वाले जालसाजों की गतिविधियां समाप्त नहीं हुईं। गुजरात, झारखंड, उत्तर बिहार, उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना, छतीसगढ़, केरल समेत कई राज्यों की पुलिस ने वारिसलीगंज पहुंच कर जालसाजों की गिरफ्तारी की है। 

अकूत संपत्ति कर चुके हैं अर्जित 

इस धंधे से जुड़े लोग जालसाजी करते हुए अकूत संपत्ति अर्जित कर चुके हैं। हालांकि सरकारी रिकार्ड में यह सब नहीं है, लेकिन गांव वालों की जुबान पर सबकुछ है। कभी दाने-दाने को मोहताज रहे ऐसे लोगों के पास करोड़ों की संपत्ति हो गई है। आय अर्जन का कोई साधन नहीं होने के बावजूद एकाएक लग्जरी वाहन, बहुमंजिला मकान देख लोग आश्चर्यचकित हैं। लेकिन जान का खतरा देख लोग उनसे पूछने की स्थिति में भी नहीं हैं। ग्रामीण दबी जुबान से बताते हैं कि ऐसे लोग हैलो नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, जो रातोंरात मालामाल हो रहे हैं।

युवाओं को दी जाती है ट्रेनिंग

गिरोह से जुड़े लोगों को रातोंरात अमीर बनता देख क्षेत्र के युवा इस धंधे की तरफ रूख करने लगे हैं। ऐसे युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है। दूसरे राज्यों के लोगों को ठगने के लिए उस राज्य की भाषा सिखाई जाती है। इसके लिए दूसरे राज्यों के लोगों को बुलाया जाता है। खेत-खलिहान, बगीचा, बधार में बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा फोन काल पर बात करने के तरीकों को सिखाया जाता है। सूत्र बताते हैं कि ठगी के इस खेल में 60-40 का बंटवारा होता है। सरगना का कमाई पर 60 प्रतिशत हक होता है, जबकि काल कर ग्राहकों को फंसाने वाले ठगों का 40 प्रतिशत। सरगना फोन काल करने वाले लड़कों को मोबाइल, सिम, ग्राहकों का मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या समेत अन्य जरुरी दस्तावेज उपलब्ध कराता है, जिसके माध्यम से ठगी होती है। 

कई गांवों में पांव पसार चुके हैं शातिर

जिले के वारिसलीगंज सहित पकरीबरावां, शाहपुर, काशीचक आदि थाना क्षेत्रों में जालसाज पांव पसार चुके हैं। कम समय में लखपति होने का आकर्षण युवाओं को इस धंधे में धकेल रहा है। अगर वारिसलीगंज की बात करें तो सोरहीपुर, कंधा, भवानीबीघा, भेड़िया, फतहा, बलबापर, चकवाय, अपसढ़, बाघी, गोसपुर, धनबीघा, जलालपुर, आजमपुर, कोचगांव, पैंगरी, बरनावा, मुर्गियाचक, सौर, बेलदारिया, गोडापर, दरियापुर, शेखपुरवा, मकनपुर, चंडीपुर, गोपालपुर गांव के युवा गिरोह से जुड़कर काम कर रहे हैं। यूं कहें तो क्षेत्र के युवा इसे अपना कैरियर बना चुके हैं।

सोरहीपुर में हुई थी 27 ठगों की गिरफ्तारी

तकरीबन आठ साल पहले वारिसलीगंज के सोरहीपुर गांव में जालसाजों पर सबसे बड़ी कार्रवाई हुई थी। तत्कालीन पकरीबरावां एसडीपीओ रामपुकार सिंह के नेतृत्व में गठित छापेमारी टीम ने गांव के 27 युवाओं को गिरफ्तार किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से गिरोह सहम उठा था। पर बाद में यह गिरोह फिर से काफी सक्रिय हो गया और अब तो कई गांवों के युवा इससे जुड़ गए। चकवाय से एक साथ 17 जालसाजों की गिरफ्तारी इसका जीता-जागता नमूना है। इस गांव में पहले भी कई दफे गिरफ्तारी हो चुकी है। 

साल 2021 में साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी

  • 15 फरवरी - कादिरगंज के पटवासराय से एक गिरफ्तार। 
  • 15 फरवरी - कादिरगंज के ओहारी से उत्तराखंड पुलिस ने एक को पकड़ा। 
  • 7 मई - आर्थिक अपराध इकाई ने वारिसलीगंज व शाहपुर में सात ठगों को पकड़ा। 
  • 17 मई - दिल्ली पुलिस ने वारिसलीगंज के मीर बिगहा से तीन को पकड़ा। 
  • 1 जून - वारिलीगंज से एक मास्टरमाइंड को महाराष्ट्र पुलिस ने पकड़ा। 
  • 24 जून - वारिसलीगंज के मीर बिगहा से दो ठग पकड़ाए।
  • 9 जुलाई - वारिसलीगंज से हरियाणा की पुलिस ने दो को पकड़ा। 
  • 12 जुलाई - नवादा नगर से एक ठग गिरफ्तार। 
  • 26 अक्टूबर - वारिसलीगंज के भवानीबिगहा में महाराष्ट्र पुलिस ने दो को पकड़ा।
  • 31 अक्टूबर - वारिसलीगंज के कोचगांव व बाघी से झारखंड पुलिस ने दो को पकड़ा। 
  • 30 नवंबर - महाराष्ट्र पुलिस ने काशीचक के चंडीनोवां से एक व अकबरपुर से दो की गिरफ्तारी।
  • 03 दिसंबर - शाहपुर ओपी भागवत बिगहा गांव से एक ठग की गिरफ्तारी।
  • 11 दिसंबर - मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सूरज पेट्रोल पंप के समीप एक की गिरफ्तारी।

  • 20 दिसंबर - उत्तराखंड पुलिस ने वारिसलीगंज से तीन ठगों को पकड़ा। 
  • 23 दिसंबर - वारिसलीगंज के चकवाय में 17 ठग गिरफ्तार। 
  • 23 दिसंबर - पटेल नगर से झारखंड पुलिस ने एक ठग को पकड़ा।