Move to Jagran APP

15 अक्टूबर को बोधगया आएगी बौद्ध परिपथ की साहित्यिक सांस्कृतिक यात्रा, विश्व शांति के लिए किया जा रहा है आयोजन

Gayan News बौद्ध परिपथ की साहित्यिक सांस्कृतिक यात्रा चरथ भिक्खवे 15 अक्टूबर को सुबह सारनाथ से चलकर बोधगया 15 अक्टूबर को शाम 4 बजे बोधगया पहुंचेगी। यात्रीगण एक दिन बोधगया ठहरकर बुद्ध से जुड़ी जगहों और संग्रहालय में मौजूद वस्तुओं का अवलोकन करेंगे । साथ ही बौद्ध परिपथ में बोधगया के महत्व पर एक विचार सत्र भी आयोजित किया जाएगा।

By vinay mishra Edited By: Prateek Jain Updated: Tue, 09 Jul 2024 04:16 PM (IST)
Hero Image
मगध यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग में प्राध्यापकों के साथ यात्रा के संयोजक
जागरण संवाददाता, बोधगया। प्रेमचंद साहित्य संस्थान और साखी पत्रिका द्वारा विश्व शांति के लिए आयोजित हो रही बौद्ध परिपथ की साहित्यिक सांस्कृतिक यात्रा “चरथ भिक्खवे” के बोधगया अध्याय की तैयारी के सिलसिले में यात्रा के संयोजक प्रो सदानंद शाही, सम्पादक साखी तथा आचार्य अवधेश प्रधान ने मंगलवार को मविवि के प्राध्यापकों से मुलाकात की।

यात्रा 15 अक्टूबर को सुबह सारनाथ से चलकर बोधगया 15 अक्टूबर को शाम 4 बजे बोधगया पहुंचेगी और यात्रीगण एक दिन बोधगया ठहरकर बुद्ध से जुड़ी जगहों और संग्रहालय में मौजूद वस्तुओं का अवलोकन करेंगे । साथ ही बौद्ध परिपथ में बोधगया के महत्व पर एक विचार सत्र भी आयोजित किया जाएगा।

यात्रा का उद्देश्य और स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए संयोजक प्रो शाही ने कहा कि अप्प दीपो भव: का संदेश देने वाले गौतम बुद्ध को दुनिया महान शिक्षक के रूप में याद करती है।

प्राचीन भारत के इतिहास में एक हजार वर्षों तक धम्म की जिस विशाल तरंग ने समूचे भारत को सराबोर कर दिया था, उसके सर्वोच्च शिखर पर जो महिमामयी मूर्ति विराजमान है, दुनिया उन्हें शाक्य मुनि गौतम बुद्ध के नाम से जानती है।

प्राचीन भारत में बुद्ध ने नव जागरण का सूत्रपात किया: प्रो शाही

प्रो शाही ने कहा कि‍ प्राचीन भारत में बुद्ध की प्रेरणा से एक महान सामाजिक बदलाव और धर्म, साहित्य, कला और संस्कृति में एक नव जागरण का सूत्रपात हुआ। आधुनिक भारत में भी उन्नीसवीं शताब्दी से जिस महान नवजागरण का आरंभ हुआ उसकी प्रेरणा का एक शक्ति स्रोत भगवान बुद्ध हैं।

वर्तमान विश्व युद्ध और युद्ध की आशंकाओं से त्रस्त है। सत्य असत्य का संघर्ष, स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने का संघर्ष, अधिकार का संघर्ष आदि कितने ही संघर्षों से अटी पड़ी है मानव सभ्यता। ऐसे में हर अबोले प्रश्न का उत्तर हैं बुद्ध। बुद्ध अर्थात शांति, बुद्ध अर्थात ज्ञान और बुद्ध अर्थात प्रेम।

यह भी पढ़ें - 

Neha Singh Rathore: 'रेल मंत्री जी... आपको कोई कुछ नहीं कहेगा', रेलवे ट्रैक का VIDEO शेयर कर नेहा राठौर का तंज

Bihar Flood: बाढ़ की चपेट में बिहार के 15 जिले, आफत में लोगों की जान; आपदा से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।