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सच्चिदानंद सिन्‍हा कालेज में पांच वर्ष में नहीं मिला प्रथम वर्ष का परिणाम, औरंगाबाद में 17 छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय

सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालयों के छात्रों का भविष्य अधर में है। महाविद्यालय में संचालित बासपम कोर्स यानी बैचलर ऑफ एडवरटाइजिंग सेल्स प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट के छात्रों का परिणाम विश्वविद्यालय में लंबित है। परिणाम के लिए छात्र विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं परंतु उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Wed, 25 Aug 2021 11:35 AM (IST)
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मगध यूनिवर्सिटी से अंगीभूत सच्चिदानंद सिन्हा कालेज की तस्‍वीर।
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कवायद फेल हो रही है।  घोषणाएं तो बहुत हुई परंतु धरातल पर हकीकत कुछ और होता है। मगध विश्वविद्यालय की बात करें तो यहां स्नातक का तीन वर्षीय कोर्स पांच वर्षों में पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्रों की क्या स्थिति होती है। जिले के अंगीभूत सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालयों के छात्रों का भविष्य अधर में है। महाविद्यालय में संचालित बासपम कोर्स यानी बैचलर ऑफ एडवरटाइजिंग सेल्स प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट के छात्रों का परिणाम विश्वविद्यालय में लंबित है। परिणाम के लिए छात्र विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं परंतु उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। यहां तक कि महाविद्यालय के प्राचार्य भी इनकी समस्या समाधान करने में रुचि नहीं ले रहे हैं।

परिणाम के इंतजार में बैठे हैं छात्र

उत्तर प्रदेश दारोगा समेत स्नातक स्तर का कई नौकरी वाला फार्म भरा जा रहा था। उत्तर प्रदेश दारोगा का फार्म भरने की तारीख समाप्त हो चुकी है। इस फार्म को भरने के के लिए छात्र विश्वविद्यालय का खूब चक्कर लगाए परंतु किसी ने नहीं सुना। व्यवसायिक कोर्स बासपम सत्र 2017-20 के परिणाम की भी यही स्थिति है। अधिकतर छात्रों का परिणाम लंबित है। छात्रों ने वर्ष 2017 में प्रथम वर्ष का परीक्षा दिया था। परीक्षा दिए पांच वर्ष हो गए परंतु अभी तक परिणाम नहीं मिला। सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में संचालित एक बासपम कोर्स के छात्रों का परिणाम नहीं आ सका है। दूसरे एवं तीसरे वर्ष की परीक्षा ले ली गई। छात्रों को दूसरे वर्ष का परिणाम मिल गया है। प्रथम वर्ष का परिणाम नहीं मिलने के कारण तीसरे वर्ष का परिणाम नहीं जारी किया गया है। बासपम कोर्स के 17 छात्रों का भविष्य अंधकारमय होते जा रहा है।

बीपीएससी के लिए छात्रों की चिंता

परिणाम नहीं मिलने के कारण छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। नौकरी के लिए स्नातक स्तर का कोई भी फार्म नहीं भर पा रहे हैं। छात्र अभी सबसे ज्यादा ङ्क्षचङ्क्षतत 67वीं बीपीएससी के लिए हैं। 67वीं बीपीएससी का नोटिफिकेशन जारी होने वाला है परंतु इन्हें परिणाम नहीं मिल पाया है। छात्र जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा रहे हैं परंतु नतीजा सिफर ही है।

कहते हैं छात्र -

बासपम कोर्स के छात्र रौशन राज और मनीष कुमार ने बताया कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर पढ़ाई किया परंतु परिणाम नहीं मिला। नामांकन के समय कैंपस सेलेक्शन करवाने की बात कही गई थी परंतु अभी तक सेलेक्शन नहीं हुआ। लोन लेकर पढ़ाई किया परंतु परिणाम के बिना दर-दर भटक रहे हैं। हमारे अलावा कई अन्य छात्र-छात्राओं ने भी लोन लेकर पढ़ाई किया है। पांच वर्ष बीत गया परंतु अभी तक परिणाम नहीं मिला।

कहते हैं विभागाध्यक्ष -

बासपम विभाग के विभागाध्यक्ष बहादुर भीम ङ्क्षसह ने बताया कि विश्वविद्यालय की गलती के कारण छात्रों को प्रथम वर्ष की परिणाम नहीं मिल पाया है। छात्राओं को द्वितीय वर्ष का परिणाम मिल गया है। विश्वविद्यालय जाकर परिणाम बनवा दिया गया है। कंट्रोलर ने बताया है कि परिणाम छपाने के लिए दिल्ली एजेंसी को भेजा गया है।

कहते हैं प्राचार्य -

महाविद्यालय के प्राचार्य डा. वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि छात्र-छात्राओं की परिणाम संबंधित समस्याओं को लेकर कई बार विश्वविद्यालय गए हैं। कुलपति एवं कंट्रोलर से मिले हैं। छात्रों की समस्याओं को समाप्त कर दिया गया है। शीघ्र ही छात्रों को परिणाम मिल जाएगा। छात्रों को कोई परेशानी न हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है।

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