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अधिक राजस्व देने वाला तीसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बना सासाराम, बावजुद रैक प्वाइंट पर भी सुविधाएं नदारद

आनलाइन टिकट कटने के बावजूद ए श्रेणी के दर्जा प्राप्त अन्य स्टेशनों की तुलना में विभाग को यहां अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। रैक प्वाइंट पर भी सुविधाएं नदारद है। गुड्स शेड्स का खास्ता हाल होने के कारण ट्रांसपोर्टर माल की लोडिंग व अनलोडिंग करने में कतराने लगे हैं।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Updated: Sun, 10 Apr 2022 11:50 AM (IST)
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सासाराम रेलवे स्टेशन राजस्व में आगे पर सुविधाओं में सबसे नीचे

 जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। डीडीयू डिवीजन में यात्री किराया से विभाग को अधिक राजस्व देने के मामले में सासाराम रेलवे स्टेशन एक बार फिर आगे रहा है। आनलाइन टिकट कटने के बावजूद ए श्रेणी के दर्जा प्राप्त अन्य स्टेशनों की तुलना में विभाग को यहां अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। रैक प्वाइंट पर भी सुविधाएं नदारद है। गुड्स शेड्स का खास्ता हाल होने के कारण ट्रांसपोर्टर माल की लोडिंग व अनलोडिंग करने में कतराने लगे हैं। 

15 किलोमीटर दूर होती है माल की लोडिंग अनलोडिंग

वे जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर पहलेजा में बने गुड्स शेड्स पर फिलहाल माल की लोडिंग व अनलोडिंग करना पसंद कर रहे हैं। जबकि विभाग के आला अधिकारी कई बार यहां पहुंच रैक प्वाइंट पर सुविधाओं को सुदृढ़ करने का आश्वासन भी दे चुके हैं। आप राजस्व दें, हम सुविधा देंगे, लेकिन रेलवे का यह स्लोगन फिलहाल सासाराम रेलवे स्टेशन पर साकार होता नहीं दिख रहा है।

12.71 करोड़ से अधिक आमदनी फिर भी यात्री सुविधाएं नदारद

वित्तीय वर्ष 2021-22 में सिर्फ यात्री किराया से 12.71 करोड़ से अधिक की आमदनी विभाग को सासाराम से हुई है। इसका खुलासा आरटीआइ से मांगी गई जानकारी से हुई है। यहां से आरा के लिए खुलने वाली दो पैसेंजर का परिचालन आज दो वर्षों से बंद है, इसके बावजूद स्टेशन पर पूर्व से स्वीकृत यात्री सुविधाओं से जुड़ी कई योजनाएं अब भी अधर में लटकी है। नए फुटब्रिज का निर्माण जहां दो वर्ष से अधूरा पड़ा है तो एक्सिलेटर व लिफ्ट का विभाग आज तक सिर्फ टेंडर करता रहा है। जबकि यह स्टेशन ऐतिहासिक व पर्यटन की दृष्टिकोण से अपना एक अलग महत्व रखता है। केंद्र की पर्यटन व शिक्षा विभाग ने सासाराम को देश के सौ पर्यटन स्थलों की सूची शामिल किया है। 

डेढ़ दशक से उपेक्षित पड़ा है प्लेटफार्म संख्या पांच 

यही नहीं डेढ़ दशक पूर्व आरा-सासाराम रेलखंड के लिए बने प्लेटफार्म संख्या पांच भी विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ा हुआ है। उदासीनता की वजह से आज यह प्लेटफार्म अनुपयोगी बना हुआ है। जबकि पुलिस-पब्लिक हेल्पलाइन के जावेद अख्तर, कुंडल सिंह के अलावा अन्य रेलवे यात्री संघों के सदस्यों ने इस प्लेटफार्म का विस्तार व विकसित करने की मांग की जा रही है, लेकिन इस पर न स्थानीय जनप्रतिनिधि ही कोई ध्यान दे सके हैं न विभाग के अधिकारी। 

यात्रियों को होती है परेशानी

सुविधाओं का अभाव होने से वर्तमान में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डिवीजन के लोक सूचना पदाधिकारी ने यह भी कहा है कि सासाराम में रेलवे स्टेडियम से पूरब खाली भूमि तथा गुड्स शेड्स को विकसित करने के लिए फिलहाल कोई नया कार्य करने की कोई योजना नहीं है।

आरटीआइ कार्यकर्ता ने मांगी थी सूचना 

आरटीआइ कार्यकर्ता व पुलिस पब्लिक हेल्पलाइन के सदस्य श्यामसुंदर पासवान ने डीडीयू डिवीजन के लोक सूचना पदाधिकारी को आवेदन देकर वित्तीय वर्ष 2021-22 में सासाराम समेत अन्य रेलवे स्टेशन से यात्री किराया व माल ढ़ुलाई से विभाग से मिले राजस्व की जानकारी मांगी थी। 

सूचना में अधिकारी ने कहा है कि सासाराम से यात्री किराया से 12,71,35,852 का राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं गत वित्तीय वर्ष में 8,89,650 यात्रियों ने रेल का सफर किए हैं। जबकि डेहरी आन सोन से 11,44,33,646, भभुआ रोड से 5,87,92,632 तथा अनुग्रहण नारायण रोड स्टेशन से यात्री किराया के रूप में रेलवे को 5,45,69,198 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।