गयाजी के शिवम को मिला अंतरराष्ट्रीय अवसर, इटली में सीखेंगे लैटिन और ग्रीक भाषा
गया जिले के फतेहपुर प्रखंड के शिवम सिंह का चयन इटली की अकादेमिया विवारियम नोवुम में लैटिन और ग्रीक भाषा सीखने के लिए हुआ है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और अकादमी के बीच समझौते के तहत यह अवसर मिला है। शिवम 26 सितंबर को इटली रवाना होंगे। वे भविष्य में संस्कृत और अन्य भाषाओं के बीच सेतु का कार्य करना चाहते हैं।
हिमांशु गौतम, फतेहपुर (गया)। जहां चाह वहीं राह। ग्रामीण परिवेश में पढ़ा लिखा युवा मेहनत और समर्पण से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है। ऐसा ही कुछ फतेहपुर प्रखंड के पहाड़पुर गांव निवासी शिवम सिंह ने अपनी प्रतिभा से जिले का नाम रोशन किया है और देश के युवाओं के लिए प्रेणाश्रोत बना है।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के शास्त्री तृतीय वर्ष (व्याकरण) के छात्र शिवम का चयन इटली की प्रतिष्ठित अकादेमिया विवारियम नोवुम (एवीएन) में लैटिन और ग्रीक भाषा सीखने के लिए हुआ है।
विश्वविद्यालय और इटली की अकादमी के बीच भाषा एवं संस्कृति के आदान प्रदान को लेकर हुए समझौते के तहत यह अवसर प्रदान किया गया। कुलपति प्रो. निवास वरखेड़ी की पहल पर एक अगस्त से तीन अगस्त तक आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में इटली के प्रोफेसरों ने वहां की भाषा, संस्कृति, परंपराओं, संगीत और पर्यावरण पर व्याख्यान दिया।
संगोष्ठी के बाद हुई परीक्षा और साक्षात्कार में शिवम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चयन सुनिश्चित किया। शिवम को 26 सितंबर को इटली रवाना होना है। आने जाने का खर्चा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय उठाएगा, जबकि नौ महीने तक रहने और पढ़ाई का पूरा खर्चा वहां की अकादमी द्वारा वहन किया जाएगा। इस अवधि में शिवम को इटली के इतिहास, रहन-सहन और संस्कृति से भी परिचित कराया जाएगा।
इस उपलब्धि पर शिवम के माता, पिता, भाई, बहन, मित्र, शिक्षक में हर्ष की लहर है। पिता अनिल साव का मानना है कि शिवम का चयन न केवल विश्वविद्यालय बल्कि गया जिले और पूरे बिहार के लिए गौरव का विषय है। शिवम की प्रारंभिक से लेकर 10 वी तक सीपीआर स्कूल केतरा फतेहपुर से पढ़ा।
इसके बाद 12 की पढ़ाई गांव के अवध किशोर प्लस टू विद्यालय कांटी से किया। इसके बाद केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देव प्रयाग उत्तराखंड रघुनाथ कीर्ति परिसर में दाखिला हुआ। उस वक्त ऑल इंडिया से गया जिले के मात्र दो छात्रों का चयन हुआ। जिसमें शिवम एक था।
शिवम की छोटी बहन सिमरन कुमारी उसी केंद्रीय विश्वविद्यालय में योग की शिक्षा ग्रहण कर रही है। छोटा लड़का आईटी की तैयारी कर रहा है। साइबर कैफे चलाकर स्वजनों का भरण पोषण और शिक्षा दिला रहे है। पत्नी रूबी देवी कुशल गृहणी है।
शिवम कुमार का कहना है कि यह अवसर उनके लिए जीवन बदलने वाला है। वे चाहते हैं कि आने वाले समय में संस्कृत और अन्य भाषाओं के बीच सेतु का कार्य करें और भारत की संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करें।
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