Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

गया में आटा-चक्की चलाने वाले का बेटा बना इसरो का वैज्ञानिक, चंद्रयान-3 लॉन्चिंग टीम का अहम हिस्सा हैं सुधांशु

बिहार के गया शहर के बेहद ही साधारण परिवार से आने वाले सुधांशु इसरो के चंद्रयान-3 की वैज्ञानिक टीम का हिस्सा बनकर जिले का नाम रोशन कर रहे हैं। सुधांशु ने बताया कि श्रीहरिकोटा लॉन्च व्हीकल प्रोवाइड करता है वे उसी लॉन्च व्हीकल टीम का एक हिस्सा हैं। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को याद करते हुए सुधांशु उस पल को अपने जीवन का सबसे यादकर पल बताते हैं।

By subhash kumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 30 Jul 2023 07:14 PM (IST)
Hero Image
आटा-चक्की मील में काम करते इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के पिता महेंद्र प्रसाद। (जागरण फोटो)

जागरण संवाददाता, गया: बिहार के गया शहर के रहने वाले महेंद्र प्रसाद के बेटे सुधांशु कुमार इसरो के वैज्ञानिक के रूप में श्रीहरिकोटा सेंटर में शामिल हुए हैं।

सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद किसान परिवार से आते हैं। वह घर में ही आटा चक्की चलाते हैं और माता बिंदु देवी गृहिणी हैं।

सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद ने कहा कि मेरा बेटा चंद्रयान-03 की लॉन्चिंग में हिस्सा लिया है। मुझे गर्व है कि मेरा बेटा इसरो का वैज्ञानिक बन गया है।

मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो और मेरा बेटा इसी तरह अपने देश का नाम रोशन करते रहें।

सुधांशु के पिता ने कहा कि चंद्रयान के लॉन्चिंग के दिन अपने परिवार के साथ टीवी पर देखकर अपने बेटे को देखकर काफी गौरवांवित महसूस कर रहे थे।

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से हुई चंद्रयान-03 की लॉन्चिंग

बीते दिनों 14 जुलाई को चंद्रयान-03 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से हुई है। इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के अनुसार, चंद्रयान-03 की लॉन्चिंग उनके जीवन का सबसे यादगार पल रहा है।

22 जुलाई 2019 को चंद्रयान- 02 की लॉन्चिंग की गई थी। इसका आर्बिटर अभी भी काम कर रहा है, लेकिन लॉन्चर चंद्रमा की सतह पर क्रैश लैंडिंग होने के कारण चंद्रयान द्वितीय फेल्योर हो गया था।

सुधांशु को इस बार पूरी उम्मीद है कि 23 से 24 अगस्त तक चंद्रयान-03 चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करेगा। सुधांशु बताया चंद्रयान 03 के लॉन्चिंग के दौरान इसका हिस्सा रहना मेरे जीवन के लिए एक यादगार पल रहेगा।

उन्होंने आगे बताया कि श्रीहरिकोटा लॉन्च व्हीकल प्रोवाइड करता है और उसी लॉन्च व्हीकल टीम का हम लोग हिस्सा हैं।

सरकारी विद्यालय से पढ़ाई कर सुधांशु बने इसरो के वैज्ञानिक

गया शहर के इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खरखुरा मोहल्ला में ही एक निजी विद्यालय से ग्रहण की है।

प्रारंभिक शिक्षा के बाद सरकारी विद्यालय प्लस टू आरआर अशोक उच्च विद्यालय से मैट्रिक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद सुधांशु ने बी-टेक की पढ़ाई हरियाणा से की है।

बी-टेक के बाद सुधांशु का चयन इसरो के लिए हुआ, जो आज वैज्ञानिक बन अपने माता पिता के साथ देश का नाम रोशन कर रहे हैं।