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Bihar News: मूर्ति कला को जीआई टैग मिलने की उम्मीद से शिल्पकारों में खुशी, कारोबार में होगी बढ़ोतरी

Bihar News बिहार के गया में पत्थरकट्टी गांव पत्थरों को तराशकर खूबसूरत मूर्तियां बनाने की कला के लिए जाना जाता है। यह काम यहां सालों से चला आ रहा है। देवी-देवताओं से लेकर महात्मा बुद्ध और महावीर तक की मूर्तियां यहां बनाई जाती हैं। अब इस कला को जीआई टैग मिलने की उम्मीद जागने से शिल्पकारों में खुशी की लहर है।

By sanjay kumar Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 29 Aug 2024 04:28 PM (IST)
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Bihar News: पत्थरकट्टी में मूर्ति बनाता एक शिल्पकार।
गौरव कुमार, अतरी। Bihar News: बिहार में गया जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर नीमचक बथानी प्रखंड में स्थित पत्थरकट्टी। जहां पत्थरों को तराश कर शिल्पकारों द्वारा मूर्ति का रूप कई वर्षों से दिया जाता है। पत्थरकट्टी किसी पहचान का मोहताज नहीं है, क्योंकि यहां बनी मूर्तियां देश-विदेश में जाती हैं।

जहां ये मूर्तियां मंदिरों, घरों एवं सार्वजनिक स्थलों की शोभा बढ़ा रही हैं। यहां देवी-देवताओं के अलावा भगवान महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर आदि की मूर्तियां शिल्पकारों द्वारा तैयार की जाती हैं।

इन मूर्तियों को जीआई टैग मिलने की उम्मीद से शिल्पकार काफी खुश हैं। इससे और बेहतर कारोबार की आस इनके भीतर जगी है। पत्थरकट्टी के शिल्पकार सहित आसपास के गांव के शिल्पकारों में काफी उत्साह है।

शिल्पकार रविन्द्र गौड़, सुरेश गौड़ आदि का कहना है कि जीआई टैग मिलने से पूरे विश्व के लोग पत्थरकट्टी के मूर्ति कला को देख सकेंगे। इससे मूर्ति का कारोबार अच्छा होगा।

महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने गांव का नाम रखा था पत्थरकट्टी

पत्थरकट्टी के शिल्पकारों ने बताया कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने गांव का नाम पत्थरकट्टी रखा था। विष्णुपद मंदिर के निर्माण के लिए जयपुर से 13 शिल्पकारों को लगाया गया था।

विष्णुपद मंदिर निर्माण के लिए पत्थर की पहचान करने के लिए उन्होंने कहा था। इसके बाद शिल्पकारों ने काले ग्रेनाइट पत्थर को पहाड़ी पर खोजा। पत्थर मिलने के बाद महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने यहां सभी शिल्पकारों को बसाने का काम किया था।

इसके बाद पत्थरकट्टी के कालं ग्रेनाइट पत्थर से विष्णुपद मंदिर का निर्माण कराया गया। इसी वजह से गांव का नाम पत्थरकट्टी रखा गया था। जो आज पूरे विश्व में पत्थर की मूर्तियों के निर्माण को लेकर प्रसिद्ध है।

पत्थरकट्टी में मूर्ति रिसोर्ट का किया गया निर्माण

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने पत्थरकट्टी में लगभग सात करोड़ रुपये की राशि से मूर्ति रिसोर्ट का निर्माण कराया है। मूर्ति रिसोर्ट में 12 दुकानें हैं। इनमें शिल्पकार अपनी मूर्तियां बेचने के लिए रख सकेंगे।

देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को ठहरने के लिए यहां गेस्ट हाउस भी बनाया गया है। लेकिन निर्माण के सात वर्ष बाद भी उद्घाटन नहीं होने से रिसोर्ट खंडहर में तब्दील हो गया है।

मूर्ति बनाने के लिए दिया जाता है प्रशिक्षण

पत्थरकट्टी में सरकार ने पत्थर की मूर्ति एवं लकड़ी की मूर्ति बनाने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र खोला है, जो सामान्य सुविधा केंद्र के नाम से जाना जाता है।

इस केंद्र में लोगों को पत्थर की मूर्तियां एवं लकड़ी की मूर्तियां बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले को प्रतिदिन तीन रुपये भी दिए जाते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मूर्ति बनाने के लिए औजार भी दिए जाते हैं।

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