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मगध विश्वविद्यालय के हॉस्‍टल में रहने वाले छात्र-छात्राएं अचानक हो रहे बीमार, 17 छात्राओं सहित कई बीमार

छात्रावास संख्या- एक में रहने वाली लगभग 17 छात्राएं पीड़ित हैं। सभी को लूज मोशन उल्‍टी और बुखार आदि की समस्‍या है। देखते ही देखते कई और हॉस्‍टल के छात्र अचानक बीमार हो गए हैं। छात्रों का आरोप है कि विवि प्रशासन इस ओर ध्‍यान नहीं दे रहा।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 12:58 PM (IST)
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बीमार छात्राओं का स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में चल रहा इलाज, जागरण फोटो।

बोधगया, जागरण संवाददाता।  मगध विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों में रहने वाले छात्र- छात्राएं पिछले दो दिनों से अचानक बीमार पड़ रहे हैं। किसी को लूज मोशन तो किसी को उल्टी और तेज बुखार हो रहा है। फिलहाल पता नहीं चल पाया है कि विद्यार्थी अचानक किस कारण से बीमार पड़ रहे हैं।

हालांकि छात्र नेता निशांत ने बताया कि यह सब समस्‍या छात्रावास में पानी की शुद्ध व्यवस्था नहीं होने के कारण हो रही है। छात्रावास संख्या- एक में रहने वाली लगभग 17 छात्राएं लूज मोशन, वोमिटिंग व तेज बुखास से पीड़ित हैं। जिनका इलाज विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इसी प्रकार छात्रावास संख्या- चार और अल्पसंख्यक छात्रावास संख्या- एक के छात्र भी एक-एक कर बीमार हो रहे हैं। छात्र नेता ने बताया कि यह सब अचानक हो रहा है। देखते ही देखते हॉस्‍टल नंबर 11 के छात्र भी बीमार हो गए हैं। छात्र नेता और मौजूद छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से समस्‍या के निदान के लिए अविलंब ध्यान देने की मांग की है। उन्‍होंने इस समस्या का निदान और बीमार छात्र-छात्राओं के उचित इलाज की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि  सभी छात्रावास में शुद्ध पेयजल और मेस की व्यवस्था नहीं रहने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है।

विद्यार्थियों का हो रहा इलाज

विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ ए एन तेतरवे ने बताया की कुछ छात्राओं को दस्त की शिकायत थी, उन्‍हें सलाइन चढ़ाया गया है। सभी को देर रात अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। सभी अभी छात्रावास में हैं। कई छात्र और छात्राएं बुखार से पीड़ित हैं, जिन्हें दवा दी गई  है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नजर रखा जा रहा है। उनके स्‍वास्‍थ्‍य को देखते हुए जरूरत पड़ने पर पीड़ित छात्र छात्राओं को घर भेज दिया जाएगा।