ये तो ठीक नहीं है, गया शहर के टॉवर की तीन लाख से निखरेगी सूरत, लेकिन घड़ी की नहीं होगी मरम्मत
शहर में स्थित राजेंद्र टावर की मरम्मत कराई जाएगी। इसपर तीन लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे लोगों में खुशी है। लेकिन इस बात की मायूसी भी है कि उसमें लगे किसी भी घड़ी की मरम्मत नहीं कराई जाएगी।
जागरण संवाददाता, गया। गया शहर को सुंदर दिखने के लिए कर नगर निगम के द्वारा कई कार्य किए जा रहे हैं । इसमें जीबी रोड एवं केपी रोड के चौड़ीकरण के साथ-साथ शहर में स्थित राजेंद्र टावर के भी सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है। जिससे प्राचीन राजेंद्र टावर दिखने में सुंदर लगे। शहर के बीचोबीच स्थित राजेंद्र टावर स्थिति जर्जर हो गया था। जिसका सुंदरीकरण का काम नगर निगम के द्वारा किया जा रहा है। नगर निगम के सहायक अभियंता विनोद प्रसाद ने बताया कि राजेंद्र टावर का सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है जिसमें ₹300000 खर्च होने की अनुमान है। टावर के मरम्मत करने के साथ रंगाई पुताई भी की जाएगी। जिससे टावर देखने में सुंदर और आकर्षित लगे।
ब्रिटिशकालीन है शहर का यह राजेंद्र टावर
शहर में स्थित राजेंद्र टावर काफी प्राचीन है ।राजेंद्र टावर का निर्माण ब्रिटिश शासन काल में हुआ था। जो गया की पहचान बनी और आन बान शान से शहर के हृदय स्थली पर खडा है। बाद में टावर के बीचो बीच पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रतिमा की स्थापना किया गया था।
टावर के चारों ओर लगी हुई थी ब्रिटिश घड़ी
टावर के चारों ओर ब्रिटिश घड़ी लगी हुई थी। यह प्रत्येक घंटे बजती थी। लोगों का कहना है कि इसकी आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनाई देती थी। इससे शहर के लोगों को भी समय का अहसास होता था। लेकिन वर्षों से ये घड़ी खराब हैं। उनमें से दो घड़ी हटा दी गई है। लोगों का कहना है कि तीन लाख रुपये से टॉवर की मरम्मत होगी तो महज कुछ हजार खर्च कर घड़ी की भी मरम्मत करा दी जानी चाहिए थी।