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अनोखा है नवादा का यह रेलवे स्‍टेशन, चंद कदम इधर-उधर घूम लें तो झारखंड पहुंच जाएंगे

ऊंची पहाड़ी और नक्सलियों की चहल कदमी से यह इलाका दुर्गम है। लेकिन इस स्‍टेशन से यात्रा रोमांचक व सुहाना हाेता है। नवादा जिले का यह रेलवे स्‍टेशन बिहार और झारखंड के बीच बटा है। डेलवा स्‍टेशन साझी संस्कृति के रूप में जाना जाता है।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Sat, 03 Jul 2021 08:24 AM (IST)
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बिहार और झारखंड में बटा नवादा का अनोखा दिलवा रेलवे स्‍टेशन। जागरण फोटो।
रजौली (नवादा), राहुल कुमार। नवादा जिले के रजौली प्रखंड के हरदिया पंचायत में दिलवा (प्रचलित नाम डेलवा ) स्टेशन है। इस स्टेशन की अनोखी और दिलचस्प कहानी है। इस स्टेशन का एक रेलवे ट्रैक बिहार के नवादा जिले में है, तो दूसरा ट्रैक झारखंड के कोडरमा जिले में है। यह स्टेशन पर बिहार-झारखंड की सीमा एक दूसरे से मुलाकात करती है,और कुछ दूर पर अलग भी हो जाती है। इससे काफी आकर्षण पैदा होता है। गया से धनबाद की ओर जाने वाली यह रेलखंड ग्रैंड कार्ड के नाम से जानी जाती है।

एक कदम बिहार में दूसरा झारखंड में

डेलवा रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली रेलवे लाइन दो राज्यों के बीच बंटती है। बिहार के गया की ओर से आने वाले यात्रियों के कदम बिहार के नवादा जिले के रेलवे स्टेशन पर उतरता है, तो वहीं अगर झारखंड के धनबाद की ओर से इस स्‍टेशन पर आते हैं, तो यात्रियों के कदम झारखंड की सीमा में उतरता है। अगर इस स्टेशन पर आप मूंगफली खरीदने के लिए भी इधर-उधर घूम गए तो दूसरे राज्य में आप प्रवेश कर जाएंगे।

 सफर होता है रोमांचक और सुहाना

 इस स्टेशन पर पहुंचने के लिए नवादा जिले के रजौली प्रखंड के लोगों को दुर्गम रास्ता का सहारा लेना पड़ता है। यहां 24 घंटा नक्सलियों का खतरा होता है। क्योंकि स्टेशन के पास ही घने जंगल और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ी इलाके हैं। इस स्टेशन से ट्रेन से गुजरने वाले यात्रियों खासकर बच्चों के लिए सफर बड़ा रोमांचक और सुहाना हो जाता है। क्योंकि जंगल और पहाड़ के बीच से जब ट्रेन गुजरती है,तो यात्री काफी सुकून महसूस करते हैं। इस रेलवे ट्रैक पर कई गुफाएं भी हैं, जिसके बीच से सड़क बनाया गया है। दो राज्यों के बीच बंटा स्टेशन खास आकर्षण पैदा करता है। यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है, जहां बोर्ड लगाकर रेलवे ने झारखंड और बिहार की सीमा तय किया है।

बताते चलें कि इस स्टेशन से नवादा जिले के रजौली प्रखंड के डेलवा, नावाडीह, झराही और चोरडीहा गांव नजदीक पड़ता है। इसके अलावा इस स्टेशन से सभी गांव काफी दूर है। अधिकांश लोगों को तो यह भी नहीं पता है, कि बिहार में एक ऐसा भी रेलवे स्टेशन है।

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