Move to Jagran APP

विश्वकर्मा दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के शिल्पकारों को दिया 13 हजार करोड़ का तोहफा, इन्हें मिलेगा लाभ

पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की। अपने 73 जन्म दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने एक साथ देश के कई स्टेशनों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिमोट दबाकर योजना की शुरुआत की। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ कार्यक्रम का गया जंक्शन परिसर में भी सीधा प्रसारण किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 17 Sep 2023 06:15 PM (IST)
Hero Image
गया जंक्शन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा व अन्य देवी। जागरण
सुभाष कुमार, गया: पीएम मोदी ने विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर रविवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की। पीएम मोदी ने अपने 73वें जन्म दिवस और विश्वकर्मा पूजा के मौके पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत एक साथ पूरे देश के कई स्टेशनों पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिमोट दबाकर किया।

पीएम विश्वकर्म योजना के शुभारंभ कार्यक्रम का गया जंक्शन परिसर में सीधा प्रसारण किया गया। रेलवे द्वारा गया जंक्शन परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी बतौर मुख्यअतिथि शामिल हुईं।

इस मौके पर पूर्व सांसद हरि मांझी और रामजी मांझी, गया नगर विधायक डॉ. प्रेम कुमार, वजीरगंज विधायक वीरेंद्र सिंह, पूर्व विधायक श्यामदेव पासवान, पूर्व एमएलसी कृष्ण कुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश और रेलवे के डीआरएम राजेश गुप्ता, डीपीओ सुरजीत सिंह समेत रेलवे के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

क्या है इस योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य कारीगरों को आर्थिक सहायता देना है। यह योजना कारीगरों के पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देने और मजबूत करने में मदद करेगी। यह कारीगरों तक उत्पाद और सर्विस को सही से पहुंचाने में भी मदद करेगी। इस योजना के लाभार्थी को 15,000 रुपये का टूलकिट मिलेगा। इसके अलावा लाभार्थी को स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रति दिन के स्टाइपेंड भी मिलेगा।

क्या बोली केंद्रीय राज्य मंत्री

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि इस योजना से विश्वकर्मा समाज के लोगों को आर्थिक बल मिलेगा। वो आत्मनिर्भर बनेंगे, जिससे देश और विकसित होगा। केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं भी दी।

जी-20 की बैठक का किया जिक्र

उन्होंने दावा किया कि देश में शिक्षा का स्तर पहले की अपेक्षा बहुत अच्छा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का दुनिया में बढ़ रहा है। अपने देश के लोग अपने कौशल पराक्रम कार्य क्षमता से दुनिया में नाम रोशन कर भारत का नाम ऊंचा कर रहे हैं। इसका उदाहरण है कि हाल ही में जी-20 की बैठक हुई दिल्ली में हुई। दुनिया के बड़े और विकसित देश के प्रमुख भारत में आए और भारत का विश्व में गाथा गया जा रहा है।

सहायता के दृष्टिकोण से प्रेरित है योजना

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा योजना का दायरा काफी व्यापक है। इसमें अठारह शिल्पों को शामिल किया जाना है।

पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम विश्वकर्माओं को मान्यता प्रदान की जाएगी। विश्वकर्माओं को कौशल उन्नयन के लिए ऋण सहायता और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर पर 'पीएम विश्वकर्मा' नाम से एक नई योजना का शुभारंभ किया।

ये है पूरी योजना का सार

यह योजना शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए है। यह फोकस न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने की इच्छा से भी प्रेरित है।

पीएम विश्वकर्मा को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निशुल्क पंजीकरण किया जाएगा।

उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक संपार्श्विक- मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।

18 पारंपरिक शिल्पकारों को किया गया शामिल

पीएम विश्वकर्मा के तहत अठारह पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया जाएगा। इनमें बढ़ई, नौका निर्माता,शस्त्रसाज,लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची जूता/जूता कारीगर,राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान एस्कॉर्ट गाइड के शंभू प्रसाद के नेतृत्व में एस्कॉर्ट गाइड के छात्र-छात्राएं सुविधा प्रदान करने के लिए तैनात रहे। वही कार्यक्रम स्थल पर पीएनबी बैंक की ओर से संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से हाथ से बने सामानों का काउंटर लगाया गया था।

कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण संस्थान के मनोज कुमार और आदर्श कुमार के द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता संतोष कुमार गुप्ता, संतोष ठाकुर, संतोष सिंह,अशोक भारती, रामप्रवेश सिंह, राजेंद्र अधिवक्ता के अलावा गया शहर के बुद्धिजीवी लोग मौजूद थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।