Gaya: नर्सिंग होम से फेंक दिया था सड़क पर, आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए HAM नेता सुरेन मांझी
चार दिनों पूर्व नर्सिंग होम से सड़क पर फेंके गए हम पार्टी के पंंचायत अध्यक्ष सुरेन मांझी की मौत हो गई। हालत बिगड़ने पर सुरेन को पटना रेफर कर दिया गया था। लेकिन पैसे के अभाव में स्वजन उसे नहीं ले जा सके।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Wed, 12 May 2021 06:43 PM (IST)
फतेहपुर (गया) संवाद सूत्र। मातासो निवासी सुरेन मांझी की सांसों की डोर टूट गई। चार दिनों पहले उसे पैसे के लिए एक नर्सिंग होम से सड़क पर फेंक दिया गया था। उसी पैसे की किल्लत से स्वजन उसे इलाज के लिए नहीं ले जा सके। अपने घर में ही सुरेन जिंदगी की जंग हार गया। इस तरह से चार दिनों से चल रहे घटनाक्रम पर बुधवार की दोपहर विराम लग गया। सुरेन हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) का मतासो पंचायत का अध्यक्ष.था। विलाप करते स्वजन ने कहा कि नर्सिंग होम में इलाज के दौरान सारे पैसे खर्च हो गए थे। इसके कारण जेपीएन अस्पताल से जब उसे रेफर किया गया तो उन लोगों के पास एंबुलेंस के लिए पैसे नहीं थे। पैसे के अभाव के कारण सुरेन को गंभीर हालत में गांव वापस लेकर लौट आए। इस आस में कि दो-तीन दिनों में पैसे का जुगाड़ कर पटना ले जाएंगे। लेकिन वह अवसर नहीं आया। बुधवार को उसकी मौत हो गई।
ऑक्सीजन लेवल 55 से 61 बीच रहने के कारण फतेहपुर से गया किया गया था रेफर
सुरेन मांझी को सांस लेने के तकलीफ़ के बाद प्रखंड कार्यालय के पास स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती किया गया था। वहां पैसे के विवाद के कारण नर्सिंग होम के संचालक एवं स्वजनों के बीच मारपीट की घटना हुई। वहीं सुरेन मांझी को नर्सिंग होम के कर्मियों ने सड़क पर फेंक दिया था। इसके बाद प्रशासन ने नर्सिंग होम को सील कर दिया। सुरेन मांझी को सीएचसी में भर्ती कराया गया। भर्ती के समय उसका आक्सीजन लेवल 52 पर टिका हुआ था। इसके बाद उसे आक्सीजन चढ़ाया गया। तब ऑक्सीजन लेवल 55 से 61 के बीच अटका रहा। इसके कारण सुरेन मांझी को जेपीन अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं स्वजनों ने सीटी स्कैन करवाया।
पैसे का इंतजाम कर ले जाने वाले थे पटना स्थित गंभीर रहने के कारण अस्पताल प्रशासन ने उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया। लेकिन पैसे के अभाव के कारण मंगलवार को उसे लेकर स्वजन आ गये। घर पर ही बुधवार को सुरेन मांझी की मौत हो गई। सीएचसी फतेहपुर में सोमवार को उसका एंटीजन किट से कोरोना संक्रमण की जांच के लिए स्वास्थ्य जांच की गई पर उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।सुरेन के भाई ने बताया कि चार दिनों तक नर्सिंग होम में इलाज के दौरान काफी पैसे खर्च हो गए थे। इस दौरान ही स्वजनों पर कर्ज भी हो गया था। उम्मीद थी कि पैसे का इंतजाम हो जाएगा तो पटना ले जाएंगे। सीएचसी प्रभारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सुरेन को सांस लेने में तकलीफ थी,पर एंटीजन किट से जांच में उसकी पुष्टि नहीं हो सकीं थी।
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