गोपालगंज में 11 एकड़ के हथुआ राज के तालाब पर नहीं है निगाह
सहेज लो हर बूंद 200 साल पूर्व कराया गया था दीघा तालाब का निर्माण बड़े हिस्से पर लोगों ने जमा लिया कब्जा दो से तीन एकड़ रह गया है रकबा।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:44 PM (IST)
संवाद सहयोगी, हथुआ (गोपालगंज) : करीब 200 साल पूर्व हथुआ प्रखंड के फत्तेहपुर पंचायत के दीघा गांव में बनाया गया तालाब आज अतिक्रमण के चंगुल में फंस गया है। अतिक्रमणकारियों ने इसके बड़े हिस्से पर कब्जा करना प्रारंभ कर दिया है। इसका असर यह हुआ कि सालों भर पानी से भरा रहने वाला तालाब गर्मी के मौसम में सूख जाता है। तालाब की लंबे समय से सफाई नहीं होने के कारण शैवाल व जलकुंभी ने तालाब पर पूर्ण रूप से कब्जा कर लिया है।
हथुआ प्रखंड मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर पश्चिम दीघा गांव में करीब 11 एकड़ में तालाब का निर्माण कार्य हथुआ राज की ओर से कराया गया था। तालाब बनाए जाने के बाद तालाब को बेहतर तरीके से सजाया संवारा गया। तब इस तालाब की खूबसूरती देखते बनती थी। आसपास के गांवों के लोग तब इसमें नहाते थे। समय के साथ राजतंत्र समाप्त होने के बाद इस तालाब की दशा दिन प्रतिदिन खराब होने लगी। समय के साथ तालाब के एक हिस्से में गांव बस गया और गांव के लोगों ने तालाब की जमीन का अतिक्रमण प्रारंभ कर दिया। तालाब की लंबे समय से देखरेख नहीं होने तथा इसकी सफाई की ओर ध्यान नहीं देने के कारण पूरे तालाब को शैवाल व जलकुंभी ने ढक दिया है। तालाब की ओर किसी की नजर नहीं होने के कारण अतिक्रमणकारी तालाब के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर चुके हैं और इस तालाब का रकबा घटकर दो से तीन एकड़ ही रह गया है। अगर प्रशासनिक स्तर पर तालाब का सफाई व इसे अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान नहीं चलाया गया तो वह दिन दूर नहीं, कि इस पुराने तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। स्थानीय लोग प्रशासन से तालाब की सफाई कराने तथा इसे गहरा कराने की मांग कर रहे है। ताकि इस इलाके के करीब दो सौ साल पुराने जल स्त्रोत को बचाया जा सके।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।