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Bihar Farmers: बिहार में किसानों की अब बढ़ जाएगी आमदनी! नीतीश सरकार का नया प्लान तैयार, पढ़ें डिटेल

Bihar Agriculture News बिहार में किसानों को केले की खेती से समृद्ध बनाने के लिए सरकार ने नया प्लान तैयार किया है। पपीता के साथ केले की खेती का रकबा बढ़ाया जाएगा। किसानों को प्रशिक्षित करने के बाद 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। जिले में 65 हेक्टेयर में केला और पपीता की खेती होगी। किसानों को सलाहकार भी मिलेंगे।

By Mithilesh Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 15 Oct 2024 03:00 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। अब केले की खेती से बिहार में किसान मालामाल हो जाएंगे। सरकार ने इसको लेकर नया प्लान तैयार किया है।

पपीता के साथ जिले में केले की खेती का रकबा भी बढ़ाया जाएगा। किसानों को इसकी खेती के लिए बकायदा प्रशिक्षित करने के बाद उन्हें अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा।

जिले की मिट्टी केला तथा पपीता की खेती के लिए मुफीद होने के कारण कृषि व उद्यान विभाग के स्तर पर यह पहल की गई है। ताकि किसान अच्छी खेती कर अधिक मुनाफा प्राप्त करते आत्मनिर्भर बन सकें।

आंकड़ों के अनुसार जिले में 65 हेक्टेयर में केला तथा 65 हेक्टेयर में पपीता की खेती की जाएगी। इसके लिए किसानों को बीच पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।

विभागीय स्तर पर चल रही तैयारियों पर नजर डालें तो जिले में केला व पपीता की खेती का रकबा पांच-पांच हेक्टेयर बढ़ाया जाएगा।

इसके लिए सभी प्रखंडों के लक्ष्य में भी बढ़ोतरी की गई है। उद्यान विभाग ने इसकी खेती करने में रुचि दिखाने वाले किसानों के चयन की प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। ताकि किसान केला व पपीता की अच्छी खेती कर सकें।

इस खेती के लिए किसान सलाहकार समय-समय पर किसानों को खेत में जाकर केला और पपीते की उपज बढ़ाने के लिए सलाह भी देंगे। एक जिला, एक उत्पाद के तहत जिले में पपीते की खेती पर जोर दिया जा रहा है। इस बीच कृषि विभाग केला की खेती को भी बढ़ावा देने में लगा रहा।

जिले की मिट्टी मुफीद, किसानों में बढ़ रहा रुझान

वैसे जिले में किसान केला तथा पपीते की खेती करते रहे हैं। जिले की मिट्टी मुफीद होने के बाद भी काफी कम रकबे में केला तथा पपीता की खेती होती है।

इसे देखते हुए कृषि विभाग की पहल पर उद्यान विभाग केला तथा पपीता की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। किसानों में केला व पपीते की खेती के प्रति रुझान बढ़ने के साथ ही इसकी खेती करने का रकबा हर बढ़ाया जा रहा है।

प्रखंडवार पपीता की खेती का निर्धारित लक्ष्य

  • प्रखंड - हेक्टेयर में
  • कुचायकोट 08
  • गोपालगंज 05
  • मांझा 05
  • बैकुंठपुर 05
  • बरौली 07
  • हथुआ 05
  • फुलवरिया 04
  • भोरे 04
  • उचकागांव 04
  • कटेया 04
  • पंचदेवरी 04
  • थावे 04
  • सिधवलिया 03
  • विजयीपुर 03

प्रखंडवार केला की खेती का लक्ष्य

  • प्रखंड - हेक्टेयर में
  • कुचायकोट 07
  • गोपालगंज 06
  • मांझा 04
  • बरौली 06
  • बैकुंठपुर 06
  • हथुआ 05
  • फुलवरिया 03
  • भोरे 04
  • उंचकागांव 04
  • कटेया 04
  • पंचदेवरी 04
  • थावे 04
  • सिधवलिया 05
  • विजयीपुर 03
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