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Save River: अधर में फंसी योजना, गोपालगंज में छाड़ी नदी बन गई नाला; ढाई दशक पहले सालभर कल-कल बहता था पानी

Gopalganj News शहर के बीचोबीच से होकर गुजरने वाली छाड़ी नदी के अतिक्रमण को हटाकर उसे गहरा कर पुराने स्वरूप में लौटाने की योजना अधर में लटक गई है। करीब दो साल पूर्व नदी के किनारों की मापी का कार्य कर उसे गहरा करने का कार्य प्रारंभ किया गया था लेकिन शुरुआत के बाद इस योजना पर काम बंद कर दिया गया।

By Mithilesh TiwariEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 11 Dec 2023 03:44 PM (IST)
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नाला में तब्दील शहर से गुजर रही छाड़ी नदी। फोटो- जागरण
मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। शहर के बीचोबीच से होकर गुजरने वाली छाड़ी नदी के अतिक्रमण को हटाकर उसे गहरा कर पुराने स्वरूप में लौटाने की योजना अधर में लटक गई है।

करीब दो साल पूर्व नदी के किनारों की मापी का कार्य कर उसे गहरा करने का कार्य प्रारंभ किया गया था, लेकिन शुरुआत के बाद इस योजना पर काम बंद कर दिया गया।

इसके बाद नदी की सफाई के बाद उसे गंडक नदी से जोड़ने के अभियान पर ब्रेक लग गया। योजना अधर में फंसी होने के कारण आज स्थिति यह कि छाड़ी नदी नाला बन गई है।

जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाली छाड़ी नदी में करीब ढाई दशक पूर्व तक सालभर पानी रहता था। इसका कारण छाड़ी नदी व गंडक नदी का आपस में जुड़ना रहा। वर्ष 1998-99 में गंडक नदी के कारण आयी बाढ़ में जिला मुख्यालय भी इसकी चपेट में आ गया था।

इसके बाद छाड़ी नदी व गंडक नदी को आपस में जोड़ने वाले मुहाना को हीरापाकड़ में बंद कर दिया गया। नदी का मुहाना बंद किए जाने के बाद छाड़ी नदी में पानी आना बंद हो गया। ऐसे में नदी के किनारों पर अतिक्रमण बढ़ाने का कार्य प्रारंभ हो गया।

पिछले दो दशक की अवधि में शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाके तक में अतिक्रमण के कारण इस नदी का स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है। जिला मुख्यालय में नदी की दशा सबसे अधिक खराब है। इसी नदी में शहर का गंदा पानी गिरने तथा कचरा फेंके जाने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।

2001 में पहली बार बनी थी नदी की सफाई की योजना

वर्ष 2001 में पहली बार इस नदी की सफाई की योजना बनाई गई थी। तब नदी की सफाई के साथ ही इसके किनारे पर पहुंच पथ बनाने व पौधरोपण की व्यवस्था करने का प्लान तत्कालीन जिलाधिकारी एसएम राजू ने तैयार किया। एक साल की सुगबुगाहट के बाद इस योजना पर विराम लग गया।

2020 में दिया गया था सफाई का निर्देश

तत्कालीन जिलाधिकारी अरशद अजीज ने 2020 में छाड़ी उर्फ गंगिया नदी का खुद मुआयना करने के बाद इसकी सफाई करने के साथ ही अतिक्रमण को हटाने का निर्देश जारी किया था। डीएम के आदेश के बाद तत्कालीन सदर एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल की देखरेख में बरौली व मांझा प्रखंड के अलावा सदर प्रखंड में भी नदी की जमीन की मापी का कार्य किया गया। कुछ स्थानों पर नदी की सफाई भी हुई।

कहते हैं अधिकारी

छाड़ी उर्फ गंगिया नदी की सफाई व अतिक्रमण को मुक्त कराने की योजना है। इसके तहत पूर्व में काफी काम किया गया। जल संसाधन विभाग की टीम नदी का निरीक्षण भी कर चुकी है। 78 करोड़ की लागत से इसके जीर्णोद्धार की योजना है। जल्द ही कार्य प्रारंभ होगा। - प्रदीप कुमार, एसडीओ, सदर

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