शहाबुद्दीन का पीछा नहीं छोड़ रहा ये मर्डर केस! दिवंगत हो चुके पूर्व मंत्री अंबिका सिंह को भी तलाश रही पुलिस
डेढ़ साल पहले गुजर चुके सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को हत्या के मामले में खोजते ही रह गए पुलिस वाले। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अंबिका सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ। गोपालगंज में कोर्ट से सामने आया ये मामला
By manish kumarEdited By: Shubh Narayan PathakUpdated: Fri, 18 Nov 2022 01:49 PM (IST)
मनीष कुमार, गोपालगंज। Bihar News: सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को गुजरे करीब डेढ़ साल हो गए, लेकिन न्यायालय और पुलिस को उनकी तलाश आज भी है। शहाबुद्दीन के खिलाफ बकायदा मुकदमा चल रहा है, तारीखें पड़ रही हैं और तारीखों पर सुनवाई भी हो रही है। ऐसा ही हो रहा है उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अंबिका प्रसाद सिंह के साथ भी। यह सब हो रहा है अभियोजन पक्ष के बेपरवाह रवैये के कारण।
गिरफ्तार करने का हुआ था आदेश
गोपालगंज कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत में दो ऐसे ही मामले चल रहे हैं। पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन हुसैन एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अंबिका सिंह की गिरफ्तारी तो दूर, दोनों के मरने के बाद आज तक अदालत में पुलिस उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जमा नहीं सकी।
दोनों पर जारी है गैर जमानतीय वारंट
पुलिस समय पर मृत्यु प्रमाण पत्र अदालत में जमा कर देती, तो दोनों के विरुद्ध चल रहा केस खत्म हो जाता। मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हत्या एवं अंबिका सिंह पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का केस है। इसे लेकर दोनों पर गैर जमानतीय वारंट जारी है। इसी बीच मोहम्मद शाहबुद्दीन की मौत मई 2021 में एवं अंबिका सिंह की मौत जून 2021 में हो गई।एसपी को दिया मृत्यु प्रमाणपत्र पेश करने का आदेश
नतीजतन, दोनों आरोपितों के विरुद्ध आज भी अदालत में केस लंबित है। इसे गंभीरता से लेते हुए मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने दोनों आरोपितों का मृत्यु प्रमाण अविलंब प्रस्तुत करने का आदेश पुलिस अधीक्षक, गोपालगंज आनंद कुमार दिया है। इसकी पुष्टि अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने की। अब देखना है कि गोपालगंज पुलिस दोनों आरोपितों का मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करने में कितना समय लेती है।
शहाबुद्दीन पर 31 साल पुराना है हत्या का मामला
31 मई 1991 को सुरेंद्र प्रसाद यादव के लिखित आवेदन पर सिवान जिला के हुसैनगंज थाना क्षेत्र के ग्राम प्रतापपुर निवासी मोहम्मद शहाबुद्दीन हुसैन के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी मीरगंज थाने में की गई थी। कांड संख्या-119/1991 के अनुसंधानकर्ता ने 27 जनवरी 1998 को शहाबुद्दीन सहित अन्य आरोपित के विरुद्ध मामले को सत्य पाते हुए अदालत में आरोप पत्र समर्पित कर दिया था।2016 में ही जारी हुआ था वारंट
इसके बाद 11 फरवरी 1998 को अदालत ने मोहम्मद शहाबुद्दीन सहित अन्य आरोपितों के विरुद्ध हत्या के अपराध संज्ञान लिया था। आठ नवंबर 1993 को आरोपित मोहम्मद शहाबुद्दीन को अदालत ने जमानत दे दी थी। तब से यह मामला मोहम्मद शहाबुद्दीन की उपस्थिति के लिए लंबित चला आ रहा है। 15 नवंबर 2016 को अदालत ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट निर्गत किया था।
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