बिहार में चमकी बुखार को लेकर सतर्क हुआ विभाग, लक्षण दिखने पर न करें नजरअंदाज
बिहार के गोपालगंज जिले में चमकी बुखार से बचाव के प्रति समुदाय को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से वृहद जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चमकी बुखार से संबंधित चमकी को धमकी शपथ पत्र के माध्यम से सभी विद्यालयों में दीवाल लेखन किया जायेगा। ताकि लोग इस बीमारी से बचाव के लिए सतर्क रहें।
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिले में चमकी बुखार से बचाव के प्रति समुदाय को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से वृहद जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से (मस्तिष्क ज्वर) चमकी बुखार से संबंधित चमकी को धमकी, शपथ पत्र के माध्यम से सभी विद्यालयों में दीवाल लेखन किया जायेगा। ताकि लोग इस बीमारी से बचाव के लिए सतर्क रहें।
गर्मी बढ़ने के साथ मरीजों की संख्या में बढ़ता
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. सुषमा शरण ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर को लेकर जिला स्तर पर वृहद तैयारियां प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि विद्यालयों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर भी दीवाल लेखन कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ प्रतिवेदित मरीजों की संख्या में वृद्धि होना शुरू हो जाता है। इसी को ध्यान में रखकर अभी से तैयारियां प्रारंभ की जा रही हैं। ताकि चमकी बुखार के लक्षणों, क्या करना है, क्या नहीं करना है। इसके बारे में लोगों को जानकारी मिल सके।
15 वर्ष तक के बच्चे अधिक होते हैं प्रभावित
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. सुषमा शरण ने बताया कि मस्तक ज्वर या चमकी यह एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से अधिकांश तौर पर एक वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में इस बीमारी से बचाव की दिशा में अभी से सतर्कता जरूरी है।
मस्तक ज्वर का लक्षण
- - चमकी के साथ तेज बुखार
- - सर दर्द
- - अर्द्ध या पूर्ण में बेहोशी
इन बातों को याद रखना जरूरी
- - खिलाओ- बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं यदि संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलाएं।
- - जगाओ- रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं।
- - अस्पताल ले जाओ- बेहोशी या चमकी देखते ही आशा दीदी को सूचित करें।
- - उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।
यह सावधानी आवश्यक
- - तेज धूप में जाने से बचे
- - दिन में दो बार नहाएं
- - रात में पूरा भोजन करके सोएं
- - लक्षण दिखते ही ओआरएस का घोल या चीनी नमक का घोल पिलाएं।
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