बिहार में धरातल पर ऐसी है PM Awas Yojana की स्थिति, पांच साल में भी नहीं पूरा हुआ 1505 घरों का निर्माण कार्य; जानिए क्यों?
PM Awas Yojna बिहार में धरातल पर पीएम किसान योजना की स्थिति काफी खराब है। सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी गोपालगंज जिले में 1505 आवासों का निर्माण कार्य अधूरा रह गया है । आंकड़ों की मानें तो जिले में आवास का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के पीछे असली वजह कई प्रखंडों की सुस्ती रही है ।
मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत वर्ष 2016-17 से की गई थी। वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18 व 2019-20 के दौरान इस योजना के तहत जिले में 16,272 गरीबों को अपना आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। योजना के प्रारंभ में तो कुछ गति रही, लेकिन बाद के वर्षों में योजना पर सुस्ती का ग्रहण लगने लगा।
इसका नतीजा यह रहा कि आवास निर्माण की रफ्तार सुस्त हो गई। वर्ष 2020 के अंत में जब सरकार का दबाव बढ़ा तो योजना में कुछ तेजी आई। इसके बाद भी जिले में 1505 आवासों का निर्माण कार्य अधूरा रह गया है। आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब भी कुल लक्ष्य का करीब आठ प्रतिशत पुराने आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है।
कई प्रखंडों में दिख रही आवास निर्माण में सुस्ती
आंकड़ों की मानें तो जिले में आवास का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के पीछे असली वजह कई प्रखंडों की सुस्ती रही है। इनमें सबसे खराब स्थित बैकुंठपुर प्रखंड की है। इस प्रखंड में अब भी 11.52 प्रतिशत से अधिक आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। कुचायकोट प्रखंड में लंबित आवासों का प्रतिशत 10 प्रतिशत से अधिक है। जिले के सिधवलिया प्रखंड में 9.47 प्रतिशत तथा भोरे में नौ प्रतिशत से अधिक आवासों का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है।
सफेद व लाल नोटिस जारी करने में आई तेजी
लंबी अवधि तक आवास का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराने वाले लाभुकों के विरुद्ध विभागीय स्तर पर सफेद व लाल नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है। विभागीय निर्देश के बाद जिले में सफेद व लाल नोटिस जारी करने की रफ्तार में तेजी आई है। लाल व सफेद नोटिस जारी होने की प्रक्रिया तेज होने के बाद आवास निर्माण का कार्य पूर्ण कराने की रफ्तार में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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