Gopalganj: दो मासूमाें के अपहरण-मर्डर केस में महिला समेत चार को आजीवन कारावास, दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी लगा
Gopalganj News हथुआ थाना क्षेत्र के मछागर लछीराम गांव में अपहरण कर दो मासूम बच्चों की हत्या किए जाने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 12 आशुतोष कुमार की अदालत ने चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें एक महिला भी शामिल है। अदालत ने चारों दोषियों पर दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी निर्धारित किया है।
By Mithilesh TiwariEdited By: Prateek JainUpdated: Wed, 08 Nov 2023 12:09 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। हथुआ थाना क्षेत्र के मछागर लछीराम गांव में अपहरण कर दो मासूम बच्चों की हत्या किए जाने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 12 आशुतोष कुमार की अदालत ने चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें एक महिला भी शामिल है। अदालत ने चारों दोषियों पर दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी निर्धारित किया है।
जानकारी के अनुसार, 20 जनवरी 2019 को हथुआ थाना क्षेत्र के मछागर लछीराम गांव के रामबडाई चौहान के 12 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार तथा हीरालाल बांसफोर के आठ वर्षीय पुत्र नीरज कुमार खेलने के लिए घर से बाहर निकले थे। काफी समय बीतने के बाद भी वे घर नहीं लौटे।
गांव के बाहर पोखरा में पड़े मिले थे शव
इस मामले में रामबडाई चौहान की पत्नी रंजू देवी के बयान पर हथुआ थाने में दोनों के अपहरण के आरोप में अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी की गई थी। अपहृत दोनों बच्चों राहुल कुमार तथा नीरज कुमार के शव गांव के बाहर पोखरा में पड़े मिले थे।सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों मृत मासूमों के शव का पोस्टमार्टम कराया। पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में दोनों मासूम बच्चों के अपहरण व हत्या के आरोप में हथुआ थाना के मछागर लछीराम गांव की मालती देवी के अलावा संजय बांसफोर, सुनील बांसफोर तथा संदीप बांसफोर के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया।
'11 गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया गया'
इस हत्याकांड में आरोप पत्र आने के बाद सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। इस चर्चित हत्याकांड की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 11 गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया गया।सुनवाई पूरी होने के बाद एडीजे 11 आशुतोष कुमार की अदालत ने चारों आरोपित मालती देवी, संजय बांसफोर, सुनील बांसफोर तथा संदीप बांसफोर को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक सुरेश द्विवेदी तथा बचाव पक्ष से अबु शमीम अंसारी ने अदालत में बहस किया।यह भी पढ़ें - 'सत्ता की मलाई चखना चाहते हैं नीतीश...', जातिगत सर्वे पर Prashant Kishor का बड़ा बयान; 2024 को लेकर दी चेतावनी
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