Move to Jagran APP

मुकदमे से संगीन क्राइम की धारा हटवाता गोपालगंज का यह SDPO; कोर्ट ने निकाली हेकड़ी, अब जांच व कार्रवाई की बारी

Bihar Crime News गोपालगंज के एसडीपीओ संजीव कुमार ने एक केस में बड़ा खेल कर दिया। अब प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने एसपी को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मामला हत्या के प्रयास के संगीन मामले में पद के दुरुपयोग का है।

By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan PathakUpdated: Mon, 17 Oct 2022 05:07 PM (IST)
Hero Image
Bihar Crime: गोपालगंज के एसडीपीओ संजीव कुमार (तस्‍वीर: जागरण) एवं कोर्ट के आदेश की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
गोपालगंज, जागरण संवाददाता। Bihar Crime: गोपालगंज के एसडीपीओ संजीव कुमार (Gopalganj SDPO Sanjeev Kumar) कानून से खिलवाड़ करने के एक मामले में फंसते दिख रहे हैं। गाेपालगंज के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह एमपी/ एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्रा ने इसे गंभीरता से लिया है। आरोप है कि एसडीपीओ ने हत्या के प्रयास (Attempt to Murder) के एक मामले में, जिसकी पुष्टि थाना से लेकर पुलिस अधीक्षक (SP) के स्‍तर तक की गई थी, हत्‍या के प्रयास की धारा ही हटवा दी।

प्रथमदृष्‍टया इस आरोप को सही पाया गया है। कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच तो हो रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्‍या एसडीपीओ ने केवल इसी मामले में मनमानी की? सवाल तो यह भी है कि एसडीपीओ ने ऐसा क्‍यों किया? सबसे बड़ा सवाल यह कि जब कानून के रखवाले ऐसा करते हैं तब आम जनता कहां जाए? अब ऐसे कई सवालों के जवाब एसपी की जांच रिपोर्ट देगी।

दोनों पक्षों ने दर्ज कराई घटना की एफआइआर

कोर्ट सूत्रों के अनुसार 15 मई 2022 को विशंभरपुर थाना में मारपीट एवं फायरिंग की घटना की दो अलग-अलग एफआइआर दोनों पक्षों ने दर्ज कराई थी। कांड संख्या 75/2022 में विशंभरपुर थाना क्षेत्र के सिपाया खास गांव निवासी विजय राय के आवेदन के आधार पर कुल छह नामजद एवं चार से पांच अज्ञात को आरोपित बनाया गया। उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-147, 148, 149, 341, 323, 307, 504 एवं आयुध अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत एफआइआर दर्ज कराई गई थी। फायरिंग के दौरान विजय राय गोली लगने से जख्मी हुए थे। जबकि, उनके परिवार के चार लोग मारपीट में घायल हो गए थे। दूसरे पक्ष के सुरेश राय को गोली लगी थी। उनके परिवार के चार लोग मारपीट में घायल हो गए थे। दूसरे पक्ष से संजय राय ने कांड संख्या-74/ 2022 में 12 लोगों नामजद को किया।

एसडीपीओ ने हत्‍या के प्रयास की धारा हटवाई

इसी मामले के आरोप पत्र में डीएसपी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुसंधानकर्ता से हत्या के प्रयास की धारा 307 हटवा दी। अब सवाल यह है कि आखिर किस परिस्थिति में उन्‍होंने 26 अगस्त को अनुसंधानकर्ता को एफआइआर की धारा 307 को आरोप पत्र में नहीं रखने का निर्देश दिया? आरोप है कि एसडीपीओ ने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुसंधानकर्ता को निर्देश देकर हत्या के प्रयास की धारा हटवा दी।

कोर्ट ने प्रथमदृष्‍टया आरोप को पाया है सत्‍य

आरोप पत्र से धारा- 307 को हटवाने, सूचक के अधिवक्ता के पुलिस के अभियुक्तों से मिल जाने तथा अनैतिक लाभ प्राप्त कर अभियुक्तों के पक्ष में हत्या के प्रयास के अपराध का लघुकरण करने को कोर्ट ने प्रथमदृष्ट्या सत्य पाया है। इस मामले में घटनास्थल से पुलिस ने एक कारतूस व चार खोखा भी बरामद किए थे। यह जानकारी अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा एवं आवेदक के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने दी।

एसपी पहले कर चुके हैं फायरिंग की पुष्टि

इस मामले में गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने संयुक्त प्रतिवेदन-2 में विशंभरपुर थाना कांड संख्या 74/ 2022 एवं 75/ 2022 के संबंध में दोनों पक्षों के बीच फायरिंग का वीडियो वायरल होने की पुष्टि की है। एसपी ने स्पष्ट रूप से दर्ज किया है कि घटना के समय प्रथम पक्ष की तरफ से लाइसेंसी राइफल से गोली फायर की गई थी तो दूसरे पक्ष से मुन्ना राय एवं अनूप राय अवैध देसी कट्टा से फायर कर रहे थे।

एक महीने के अंदर जांच कर होगी कार्रवाई

कोर्ट ने गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। आदेश के अनुसार एसपी को 30 दिनों के अंदर जांच पूरी कर की गई कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराना है। अब देखना यह है कि एसपी इस मामले में क्‍या कार्रवाई करते हैं। कोर्ट के आदेश से पुलिस मुख्‍यालय एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक (सारण) को भी अवगत कराया गया है।

डीएसपी व अनुसंधानकर्ता पर रिश्वत लेने का आरोप

प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्रा ने अभिलेख पर आवेदक द्वारा दाखिल विरोध पत्र का अवलोकन किया। विशंभरपुर थाना कांड संख्या 75/2022 के आवेदक विजय राय की तरफ से के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय को सुना। उन्होंने मौखिक बहस में निवेदनपूर्वक कहा कि इस केस के आरोपितों की ऊंची पहुंच है। आरोपितों ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, गोपालगंज संजीव कुमार एवं केस के अनुसंधानकर्ता सह जमादार सरोज कुमार को रिश्वत देकर अपने पक्ष में कर लिया है। इसी वजह से अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, गोपालगंज के निर्देश पर सभी साक्ष्य के बावजूद अनुसंधानकर्ता ने धारा 307 में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया है।

घटनास्थल से एक कारतूस व चार खोखा हुआ था जब्त

घटनास्थल से एक कारतूस व चार खोखा जब्त हुआ था, लेकिन आयुध अधिनियम की अन्य सुसंगत धाराओं को समावेश करने का निर्देश नहीं दिया। पुलिस का कार्य अपराधियों को हतोत्साहित करना तथा जनता में कानून का विश्वास कायम रखना है। इसके बावजूद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, गोपालगंज के इस निर्देश से अपराधियों के मनोबल को बढ़ावा मिला है। वहीं डीएसपी संजीव कुमार का कहना है कि चिकित्सक द्वारा दिए गए जख्म जांच प्रतिवेदन में लिखा गया था कि पैर में जख्म किसी डंडे या ठोस हथियार के हमले से है। इसी रिपोर्ट के आधार पर हत्या के प्रयास की धारा हटाने की अनुशंसा की गई थी। रिश्वत लेने का आरोप बेबुनियाद है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।