Gopalganj News: कमरे के बाहर रात भर बैठी रहीं मां, दरवाजे खुलते ही बेटी ने सुनाई आपबीती; कांप उठा कलेजा
Gopalganj News गोपालगंज में एक निजी अस्पताल में झांड़-फूंक के बहाने दो तांत्रिकों और दवा दुकानदार ने 17 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और अवैध अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू की। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं था और पहले भी एक महिला की मौत हो चुकी है। अब पुलिस हर स्तर से जांच में जुट गई है।
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। Gopalganj News: गुरुवार रात शहर के अस्पताल चौक के समीप अवैध रूप से संचालित एक निजी अस्पताल में झांड़-फूंक करने के दौरान दो तांत्रिकों ने दवा दुकानदार के साथ मिलकर किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
इस दौरान किशोरी को करीब सात घंटे तक कमरे में बंद कर रखा, जबकि मां रात भर कमरे के बाहर बैठी रहीं। किशोरी ने कमरे से बाहर निकलकर पूरी आपबीती अपनी मां को सुनाई। स्वजन ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सामूहिक दुष्कर्म की खबर मिलने के बाद आसपास के लोग भी निजी अस्पताल के पास पुलिस को देखकर पहुंच गए।
सिर दर्द से परेशान रहती थी किशोरी
जानकारी के अनुसार, सिवान जिले के नगर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 17 वर्षीय किशोरी सिर दर्द से परेशान रहती है। उसकी मां अपने पड़ोस के एक व्यक्ति के साथ इलाज कराने के लिए किशोरी को लेकर गोपालगंज शहर के अस्पताल चौक स्थित एक निजी अस्पताल के दवा दुकानदार विनोद कुमार के पास पहुंची। दवा दुकानदार ने अपनी बातों में लेकर दो तांत्रिकों को बुला लिया।
पुलिस ने कई लोगों को किया गिरफ्तार
तीनसें ने किशोरी के साथ झांड़-फूंक करने के बहाने कमरे में सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने छापेमारी करते हुए दुकानदार विनोद कुमार, पश्चिम चंपारण जिले के नौतन थाना क्षेत्र के मंगलपुर गांव निवासी दिवाकर पाण्डेय व पश्चिम चंपारण जिले के नगर थाना क्षेत्र के आईटीआई कालोनी निवासी अनिल कुमार पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के पास से पुलिस ने कलश, काला धागा, पितल की लोटिया, सुपाड़ी, लोहे का कलश, लाल कपड़ा, व लौंग सहित अन्य कई सामान बरामद किया।
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है निजी अस्पताल
शहर के अस्पताल चौक के समीप निजी अस्पताल में किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस मामले की जांच करने पहुंची तो पता चला की निजी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया गया है। अवैध तरीके से चलने वाले इस निजी अस्पताल में करीब छह माह पूर्व आपरेशन के दौरान एक महिला की भी मौत हो गई थी। अवैध रूप से चलने वाले निजी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बंद कराने का प्रयास भी नहीं किया गया है, जबकि प्राथमिकी भी कराई गई थी।
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