31 मई तक अंतिम समय, लेकिन रोहतास के तीन हजार से अधिक शिक्षकों ने जमा नहीं किए प्रमाणपत्र
नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जानी है। लेकिन रोहतास जिले के तीन हजार से अधिक शिक्षकों ने अभी तक अपना प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है। इसकी अंतिम तिथि 31 मई तक तय है। संघ के नेताओं ने आपत्ति जताई है।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Sat, 22 May 2021 11:06 AM (IST)
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। रोहतास जिले में जिन साढ़े तीन हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों ने अपना शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र (Educational and Pacific Certificates) अबतक जांच के लिए निगरानी को उपलब्ध नहीं कराया है। उनमें शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी शामिल हैं। विभागीय निर्देश के आलोक में प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों की जारी की गई सूची पर नियोजित शिक्षक संघ ने आपत्ति जताना भी शुरू कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि नियोजन के समय से ही सभी शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र इकाई को उपलब्ध कराया गया था। उसके बाद विभाग को भी उपलब्ध कराया गया है। फिर भी विभाग से बार-बार प्रमाण पत्र की मांग की जा रही है और नहीं देने पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।
शिक्षकों के बजाए इकाई पर होनी चाहिए कार्रवाईबताते चलें कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग ने 2006 से 2015 तक नियोजित वैसे शिक्षकों की सूची एनआइसी वेबसाइट पर डालते हुए संबंधित शिक्षकों को 31 मई तक अपना प्रमाण पत्र अपलोड करने का अंतिम रूप से समय दिया है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष वाहिद अनवर ने कहा कि डीईओ की सूची व पत्र शिक्षकों को सिर्फ परेशान करने की सिवाय और कुछ नहीं है। पूर्व में ही शिक्षकों ने नियोजन इकाई व विभाग को प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया गया है। परंतु इस तरह का पत्र निकाल शिक्षकों के बीच भयादोहन करने का कार्य किया जा रहा है। वैसे भी शिक्षक विभाग के हर आदेश को मानने के लिए तैयार हैं। इसलिए विभाग को चाहिए कि शिक्षकों की बजाए इकाई पर कार्रवाई करे।
विनायका मिशन के प्रमाणपत्र वालों को नहीं हटा रही नियोजन इकाईविभागीय सूत्रों की माने तो फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे तीन सौ से अधिक शिक्षकों को अबतक अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। उनमें से छह दर्जन से अधिक शिक्षकों को नियोजन इकाई बर्खास्त कर चुकी है। जबकि चार दर्जन से अधिक पर निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज की है। दो सौ से अधिक शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच निगरानी कर रही है। सबसे अधिक विनायका मिशन के सर्टिफिकेट पर जिले में शिक्षक नौकरी कर रहे हैं, जिन्हें विभागीय पत्र के बावजूद नियोजन इकाई सेवामुक्त नहीं कर सकी है।
फर्जी बहाली के सबसे ज्यादा मामले काराकाट में सबसे अधिक कारकाट में फर्जी तरीके से शिक्षकों की बहाली करने की बात पूर्व में आ चुकी है। इस प्रखंड में शिक्षकों के नियोजन से संबंधित किसी प्रकार की संचिका नहीं है। डीईओ संजीव कुमार ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश के आलोक में जांच के लिए निगरानी को प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराने वाले शिक्षकों की सूची तैयार कर जिले की एनआइसी वेबसाइट पर अपलोड करने के अलावा जारी करते हुए उन्हें 31 मई तक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
प्रखंडवार शिक्षकों की संख्याप्रखंड संख्या
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