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Lok Sabha Elections: बिहार की इस सीट पर 'आधी आबादी' को आजतक नसीब नहीं हुई जीत, हर पार्टी उतारती है कैंडिडेट फिर भी...

गोपालगंज लोकसभा सीट पर आधी आबादी यानी महिलाओं को एक बार भी प्रतिनिधित्व का माैका नहीं मिला। चुनाव मैदान में महिलाएं कई बार मैदान में उतरीं। राजनीतिक दलों ने भी उन्हें प्रत्याशी बनाया लेकिन वो जीत नहीं दर्ज कर सकीं। 2009 के चुनाव से पहले इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व कर दिया गया। लेकिन महिला उम्मीदवार न तो इसके पहले जीत सकी और ना ही बाद मे।

By Mithilesh Tiwari Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 10 Mar 2024 04:15 PM (IST)
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बिहार की इस सीट पर 'आधी आबादी' को आजतक नसीब नहीं हुई जीत।
मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र से अब तक आधी आबादी को प्रतिनिधित्व का माैका नहीं मिला है। हां, चुनाव मैदान में आधी आबादी कई बार मैदान में उतरीं। कई बार राजनीतिक दलों ने भी उन्हें टिकट दिया। इसके बावजूद महिलाएं जीत दर्ज नहीं कर सकीं। 2004 के लोकसभा चुनाव तक सामान्य सीट रही।

इस सीट को 2009 के चुनाव के पूर्व अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित घोषित कर दिया गया। आरक्षित होने के पूर्व तथा सीट के आरक्षित होने के बाद भी इस सीट पर महिला प्रत्याशी को जीत नहीं मिल सकी है।

इस सीट से 1980 के लोकसभा चुनाव के बाद किसी भी प्रत्याशी के लगातार दाेबारा निर्वाचित घोषित नहीं होने का भी अनोखा रिकार्ड है।

1980 के पूर्व द्वारका नाथ तिवारी एकमात्र प्रत्याशी रहे, जिन्होंने लगातार चार बार गोपालगंज लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने में सफलता प्राप्त की थी।

4 विधानसभा सीट से महिलाओं को नहीं मिली जीत

विधानसभा सीटों की बात करें तो जिले के छह विस क्षेत्रों में से चार सीटों पर कभी भी महिला प्रत्याशी को जीत नहीं मिली है।

इन विधानसभा सीटों में बैकुंठपुर, बरौली, भोरे (सुरक्षित), हथुआ (पूर्व में मीरगंज विधानसभा) सीटें शामिल रही हैं। गोपालगंज विधानसभा सीट तथा कटेया (अब कुचायकोट) विधानसभा सीट इसका अपवाद रहा है।

गोपालगंज विस सीट से 4 बार महिलाओं को मौका

जिले के गोपालगंज विधानसभा सीट से चार बार महिलाओं को जनता ने मौका दिया है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 1969 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की रामदुलारी सिन्हा निर्वाचित घोषित की गई थीं। उन्होंने जनसंघ के कमला प्रसाद सिंह को हराया।

1971 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रामदुलारी सिन्हा दोबारा विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं। उन्होंने नागेश्वर सिंह को हराया।

1977 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर राधिका देवी निर्वाचित हुईं। उन्होंने निर्दलीय काली प्रसाद पाण्डेय को हराया।

वर्ष 2022 में सदर विधायक रहे सुबाष सिंह के निधन के बाद नवंबर में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी कुसुम देवी भाजपा के टिकट पर विजयी हुईं। उन्होंने राजद के मोहन प्रसाद गुप्ता को हराया।

कटेया विस सीट से एक बार महिला को मौका

कटेया विधानसभा सीट से एक बार मतदाताओं ने महिला प्रत्याशी को मौका दिया है। आंकड़ों के अनुसार, 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में कटेया (अब कुचायकोट) विधानसभा सीट से राजद के टिकट पर किरण राय ने भाजपा के मनदेव तिवारी को हराया।

इसके बाद वर्ष 2005 के फरवरी तथा वर्ष 2005 में ही नवंबर माह में हुए विधानसभा चुनाव में राजद की किरण राय को हार का सामना करना पड़ा।

2014 के लोकसभा चुनाव में ज्योति भारती रही थीं उपविजेता

गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के चुनाव के इतिहास में वर्ष 2014 के चुनाव में महिला प्रत्याशी उपविजेता रही थीं। तब भारतीय जनता पार्टी के जनक राम ने कांग्रेस की ज्योति भारती को 2,86,936 मतों के अंतर से पराजित किया। इस चुनाव में जनक राम को 4,78,773 तथा ज्योति भारती को 1,91,837 मत मिले थे।

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