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MGNREGA योजना बिहार में रोजगार की गारंटी देने में फेल! 186 दिनों में महज 232 लोगों को मिला काम, देखें आंकड़े

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के आंकड़े काफी हैरान करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष में केवल 232 लोगों को 100 दिन का काम मिल पाया है। बता दें कि इस योजना के लिए ग्रामीण इलाकों में तीन लाख से अधिक लोगों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इस योजना के तहत बरोजगारों को काम उपलब्ध कराया जाता है।

By Mithilesh TiwariEdited By: Mukul KumarUpdated: Wed, 04 Oct 2023 04:28 PM (IST)
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186 दिनों में महज 232 लोगों को मिला 100 दिन काम
मिथलेश तिवारी, गोपालगंज। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के आंकड़े ही विभाग को आइना दिखाने के लिए काफी हैं। इस योजना की शुरुआत के पीछे सरकार की मंशा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कम-से-कम 100 दिनों का रोजगार दिलाना रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आ रही है।

वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले 186 दिनों में विभाग महज 232 लोगों को ही 100 दिनों का काम उपलब्ध कराया है। जिले के 14 प्रखंडों में 09 प्रखंड ऐसे भी हैं, जहां दस लोगों को भी सौ दिनों का काम नहीं मिल सका है। जिले का फुलवरिया प्रखंड इकलौता प्रखंड है, जहां एक भी व्यक्ति को सौ दिनों का काम उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। 

3.43 लाख लोगों को उपलब्ध कराया गया जॉब कार्ड

आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बेरोजगार 3,43,596 लोगों के जाब कार्ड बनाए गए हैं। इस कार्ड के माध्यम से ही काम दिया जाता है। योजना मद में पर्याप्त राशि भी उपलब्ध है। इसके बावजूद बेरोजगारों के समक्ष रोजगार के लाले पड़े हुए हैं।

एक ही दशा प्रत्येक प्रखंड की है। ऐसी स्थिति तब भी रही जब 38,112 लोगों ने काम की मांग की। जिले के कुचायकोट प्रखंड में सबसे अधिक वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में 72 लोगों को सौ दिनों का काम उपलब्ध कराया गया है।

नौ प्रखंडों में दस लोगों को भी नहीं मिला सौ दिन काम

सरकारी स्तर पर तमाम प्रयास के बाद भी जिले के नौ प्रखंडों में दस लोगों को भी सौ दिन का काम नहीं मिला है। जिले के हथुआ, कुचायकोट, मांझा, थावे, उचकागांव प्रखंड को छोड़कर बाकी नौ प्रखंडों की स्थिति एक समान है। जिले के सबसे बड़े प्रखंड कुचायकोट में मात्र 72 लोगों को सौ दिनों का काम उपलब्ध कराया गया है।

वर्ष 2022-23 में मात्र 65 लोगों को मिला था सौ दिन काम

सौ दिन का काम देने के मामले में ग्रामीण विकास विभाग पूरी तरह से फिसड्डी रहा है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में मात्र 65 लोगों को इस अवधि में सौ दिनों का काम मिला था।

इस अवधि के आंकड़े को मानें को पिछले वित्तीय वर्ष में इस अवधि में 2021-22 में 102 लोगों को सौ दिनों का काम उपलब्ध कराया गया था।

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प्रखंड - सौ दिन का काम

बैकुंठपुर 03

बरौली 09

भोरे 03

विजयीपुर 01

गाेपालगंज 04

हथुआ 18

कटेया 08

कुचायकोट 72

मांझा 62

पंचदेवरी 09

फुलवरिया 00

सिधवलिया 04

थावे 28

उचकागांव 11

कुल 232

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मनरेगा के तहत काम मांगने वाले प्रत्येक जाब कार्डधारक को काम उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अधिक से अधिक लोगों को सौ दिनों का काम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। अगले एक-दो माह मे इस आंकड़े में अपेक्षित सुधार होगा।

अभिषेक रंजन, उप विकास आयुक्त, गोपालगंज

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