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Gopalganj News: भागलपुर में NH-27 पर बने करमैनी ओवरब्रिज क्षतिग्रस्त, एक लेन पर वाहनों का आवागमन बाधित

दिल्ली से गुवाहाटी को जोड़ने वाले NH-27 पर गोपालगंज के करमैनी गांव के पास बने ओवरब्रिज का एक लेन शुक्रवार रात क्षतिग्रस्त हो गया। इस कारण एक लेन पर वाहनों का आवागमन बाधित हो गया। शनिवार सुबह मौके पर पहुंची एनएचएआई की टीम ने ओवरब्रिज की मरम्मत का कार्य शुरू किया। परियोजना निदेशक का कहना है कि लगातार हुई बारिश के कारण यह हादसा हुआ।

By manoj kumar rai Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sat, 28 Sep 2024 08:08 PM (IST)
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एनएच 27 स्थित करमैनी ओवरब्रिज का एक लेन हुआ क्षतिग्रस्त।

संवाद सूत्र, कुचायकोट (गोपालगंज)। दिल्ली से गुवाहाटी को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर गोपालगंज के करमैनी गांव के पास बने ओवरब्रिज का एक लेन शुक्रवार की देर रात क्षतिग्रस्त हो गया। इस कारण एक लेन पर वाहनों का आवागमन बाधित हो गया। शनिवार सुबह मौके पर पहुंची भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीम ने ओवरब्रिज की मरम्मत का कार्य शुरू किया।

गुरुवार देर रात से हो रही वर्षा के चलते शुक्रवार रात बिहार से उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाला लेन धंसकर क्षतिग्रस्त हो गया। इस कारण करीब तीन घंटे तक वाहनों का आवागमन बाधित रहा।

एनएचएआइ की टीम ने क्षतिग्रस्त हुए लेने पर आवागमन बंद किया और एक ही लेन पर वाहनों का आवागमन शुरू कराया। शनिवार की शाम तक ओवरब्रिज का एक लेन बंद रहा और एक ही लेन पर वाहनों का आवागम होता रहा। एनएचएआइ की टीम दो दर्जन से अधिक कामगारों के साथ ओवरब्रिज की मरम्मत में लगी रही।

महज 5 साल में ही जर्जर हो गया ब्रिज

ज्ञात हो कि वर्ष 2005 में ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर परियोजना के तहत बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर करमैनी ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। लेकिन, निर्माण कार्य को आधा-अधूरा छोड़कर कंपनी ने काम बंद कर दिया। इसके बाद 2015 में पुल का निर्माण दोबारा शुरू हुआ।

2019 में पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद पुल के ऊपर से आवागमन शुरू हुआ। निर्माण के मात्र पांच साल बाद ही ओवरब्रिज की स्थिति जर्जर हो गई। ओवरब्रिज की बदहाल स्थिति से यहां अकसर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ओवरब्रिज के क्षतिग्रस्त होने से एक लेन पर आवागमन पूरी तरह बंद है।

लगातार वर्षा के कारण एप्रोच में कट बन गया था। सुविधा को देखते हुए ट्रैफिक एक तरफ कर दिया गया था। जो गड्ढा बना था, उसे भर दिया गया है। - अमरेश कुमार शर्मा, परियोजना निदेशक, मोतिहारी

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