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बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण है निमोनिया, बदलते मौसम में खतरा अधिक; इस तरह करें बचाव

Gopalganj News बच्चों में होने वाली मौतों में निमोनिया एक प्रमुख कारण है। ऐसे में बेहद सावाधान हो जाने की जरूरत है। बदलते मौसम में निमोनिया अधिक हावी हो जाता है। सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र प्रसाद ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कहा कि बदलते मौसम में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी है। इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को जरुर लगवाना चाहिए।

By Mithilesh TiwariEdited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 28 Nov 2023 12:12 PM (IST)
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बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण है निमोनिया, बदलते मौसम में खतरा अधिक; इस तरह करें बचाव

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। सर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया का अधिक खतरा होता है। इसलिए इस मौसम में बच्चों को निमोनिया से बचाव पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में होने वाली मौतों में निमोनिया एक प्रमुख कारण है। सरकार ने निमोनिया से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण में पीसीवी टीके को शामिल किया है। यह टीका निमोनिया से बचाव में काफी असरदार है।

बदलते मौसम में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी

सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र प्रसाद ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कहा कि बदलते मौसम में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी है। इस मौसम में शिशुओं में निमोनिया होने का खतरा अधिक हो जाता है। निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों को द्रव या मवाद से भरकर उसमें सूजन पैदा करता है।

इससे बलगम वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। निमोनिया साधारण से जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए। इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को जरुर लगवाना चाहिए।

शिशुओं व 65 वर्ष उम्र से अधिक व्यक्तियों को खतरा

आमतौर पर निमोनिया से शिशुओं, बच्चों एवं 65 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को अधिक खतरा होता है। यह एक संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फैल सकता है। जिले में सर्दी के मौसम के शुरुआत से ही बच्चों में निमोनिया एवं ठंड से जुडी अन्य बीमारियों में बढ़ोतरी हुई है।

सीएस ने बताया कि पीसीवी वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है। इसे सरकार की ओर से नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है। इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम भूमिका अदा करता है।

सीएस ने बताया धुम्रपान से परहेज, स्वस्थ एवं संतुलित जीवन शैली तथा साफ सफाई का ध्यान रख निमोनिया से बचा जा सकता है।

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