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बिहार में लालू प्रसाद के राजद विधायक को मिली जमानत, गिरफ्तारी के लिए जारी हुआ था वारंट

Bihar Politics बिहार में विधानसभा के उपचुनाव के ठीक पहले राष्‍ट्रीय जनता दल के लिए बढ़ी मुश्‍कि‍ल। चुनाव वाले जिले में विधायक के खिलाफ वारंट जारी। बैकुंठपुर के राजद विधायक व पूर्व विधायक समेत तीन पर वारंट जारी

By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan PathakUpdated: Fri, 21 Oct 2022 03:48 PM (IST)
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गोपालगंज के बैकुंठपुर से राजद विधायक प्रेम शंकर यादव और किरण राय। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। Bihar Politics: बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिए उप चुनाव के बीच राष्‍ट्रीय जनता दल के लिए परेशानी बढ़ने से बच गई। गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर से राजद विधायक प्रेमशंकर यादव, कटेया की पूर्व राजद विधायक किरण राय समेत तीन के खिलाफ कोर्ट ने वारंट किया था। राजद विधायक प्रेमशंकर यादव को जैसे ही जानकारी मिली कि उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया है, वे आनन-फानन में न्यायालय पहुंच गए। यहां उन्हें सशर्त जमानत मिल गई।

विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत से राजद विधायक प्रेमशंकर यादव ने वादा किया कि केस निस्तारण तक प्रत्येक तिथि पर सदेह न्यायालय में उपस्थित रहेंगे। इसके बाद अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी। जमानत मिलने की सूचना खुद विधायक ने फोन कर दैनिक जागरण को दी। इस दौरान अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने विधायक की जमानत याचिका का विरोध जताया।

2019 का है ये मामला 

वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान 22 अप्रैल 2019 को गोपालगंज नगर थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और धारा-144 के उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी की गई थी। प्राथमिकी में भोरे थाना क्षेत्र के ग्राम कोरैया निवासी स्व. उपेन्द्र राय की पत्नी पूर्व विधायक किरण राय, बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गोरौली निवासी प्रेमशंकर यादव, नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बंगरा निवासी संजय उपाध्याय एवं 20 से 25 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया था।

लोकसभा चुनाव से जुड़ा मामला 

थावे के तत्कालीन अंचल पदाधिकारी गणेश झा द्वारा नगर थाने में किए गए प्राथमिकी कराई गई थी, इसका कांड संख्या 201/2019 है। इस प्राथमिकी में कहा गया था कि लोकसभा चुनाव-2019 को लेकर महागठबंधन के प्रत्याशी सुरेंद्र महान के नामांकन देखते हुए अंचल पदाधिकारी की ड्यूटी समाहरणालय के ड्राप गेट पर लगाई गई थी। इस दौरान पूर्व विधायक किरण राय, प्रेमशंकर यादव, संजय उपाध्याय एवं 20-25 अज्ञात लोग झंडा, बैनर लिए तथा ढोल-नगाड़ा बजाते हुए मौके पर पहुंचे और ड्राप गेट से अंदर जाने की कोशिश करने लगे।

धारा 144 के उल्‍लंघन का आरोप 

इस तरह के किसी जुलूस की अनुमति संबंधित लोगों द्वारा नहीं ली गई थी। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होते देख इस बात की सूचना ड्राप गेट पर तैनात अंचल पदाधिकारी ने एसडीएम सह नोडल पदाधिकारी, आदर्श आचार संहिता कोषांग को दी। इसके बाद उन्हें अंदर जाने से रोका जा सका। इस मामले में पूर्व विधायक किरण राय, प्रेमशंकर यादव, संजय उपाध्याय एवं 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और धारा-144 के उल्लंघन को लेकर धारा 188/171एच आइपीसी के तहत प्राथमिकी की गई थी।

सभी आरोपितों पर लिया जा चुका संज्ञान 

केस का अनुसंधानकर्ता दारोगा सुमन मिश्रा को बनाया गया था। 28 अगस्त 20119 को अनुसंधानकर्ता ने तीनों नामजद आरोपितों के विरुद्ध मामले को सत्य पाते हुए आरोप पत्र समर्पित कर दिया था। 17 सितंबर 2019 को न्यायालय द्वारा सभी आरोपितों के विरुद्ध संज्ञान लिया गया।

छह तारीखों पर हाजिर नहीं हुए आरोपित 

लगातार पिछले छह तिथियों से आरोपितों किरण राय, प्रेमशंकर यादव एवं संजय उपाध्याय की कोई हाजिरी पैरवी न्यायालय में उपस्थिति हेतु दाखिल नहीं की गई। यह देखते हुए विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने तीनों का बंधपत्र खंडित कर उनके विरुद्ध गैरजमानतीय वारंट जारी कर दिया। साथ ही एसपी, गोपालगंज आनंद कुमार को आदेश दिया गया कि तीनों आरोपितों को गिरफ्तार न्यायालय में प्रस्तुत करें।

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