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    Gopalganj News: स्टॉक में यूरिया खाद मौजूद, फिर भी किसानों से वसूले जा रहे ज्यादा दाम

    अगस्त में गोपालगंज के किसान यूरिया की कमी से परेशान हैं जिसके चलते बाजार में कीमतें बढ़ गई हैं। किसान पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से यूरिया खरीदने को मजबूर हैं। कृषि विभाग का कहना है कि जिले में यूरिया की कमी नहीं है जबकि किसान लंबी कतारों में खड़े हैं और निजी दुकानों से अधिक कीमत पर खरीदने को मजबूर हैं।

    By Mithilesh Tiwari Edited By: Nishant Bharti Updated: Sat, 23 Aug 2025 06:47 PM (IST)
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    स्टाक में उपलब्धता के बाद भी अधिक कीमत पर हो रही यूरिया की बिक्री

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। अगस्त माह में जिले में यूरिया की किल्लत से किसान परेशान हैं। यूरिया की कम उपलब्धता के कारण बाजार में इसकी कीमत 400 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच गई है।

    यूपी की सीमा से लगे इलाकों के किसान उत्तर प्रदेश के बाजारों से इसकी खरीद कर रहे हैं। इसके बावजूद कृषि विभाग का दावा है कि जिले में यूरिया की कमी नहीं है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में जिले में स्टॉक में 820 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है।

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    जिले के विजयीपुर, भोरे, कटेया, पंचदेवरी, कुचायकोट, फुलवरिया व उचकागांव जैसे प्रखंडों में किसानों को यूरिया के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि सरकारी वितरण केंद्रों पर यूरिया उपलब्ध नहीं है, और निजी दुकानों में यह चार सौ रुपये प्रति बोरी की दर पर बेची जा रही है, जो सरकारी निर्धारित मूल्य से कहीं अधिक है।

    जिले के उत्तर और पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्रों के किसान उत्तर प्रदेश के सलेमपुर, भिंगारी, भटनी, समउर, बनकटा आदि मंडियों से यूरिया मंगाकर किसी तरह अपनी जरूरत पूरी कर रहे हैं। विजयीपुर के किसान मुन्ना तिवारी बताते हैं, यहां तो यूरिया मिल ही नहीं रहा, मजबूरी में यूपी से लाकर 400 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। ऊपर से ढुलाई का खर्च अलग।

    कृषि विभाग की चुप्पी, कालाबाजारी पर कोई कार्रवाई नहीं

    स्थानीय किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग और जिला प्रशासन इस संकट पर चुप्पी साधे हुए हैं। न तो बाजारों में आपूर्ति बढ़ाई जा रही है और न ही कालाबाजारी पर कोई रोक लग रही है। नवतन के राम नरेश ओझा कहते हैं, हम रोज दुकानों के चक्कर काटते हैं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ता है। अगर यही हाल रहा तो धान की फसल पर काफी असर पड़ेगा।

    मांग से कम हो रही यूरिया की आपूर्ति

    कृषि विशेषज्ञों के अनुसार खरीफ सीजन में धान की फसल को दो से तीन बार यूरिया की आवश्यकता होती है। जिले में यूरिया का वितरण मांग के अनुपात में बेहद कम है। इस कारण कमोबेश पूरे जिले में यूरिया खाद की किल्लत की समस्या बनी हुई है।

    किसानों की मानें तो यदि वर्तमान समय में जल्द यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई, तो खरीफ फसलों की उत्पादकता पर गंभीर असर पड़ेगा। किसानों ने जिला प्रशासन से यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ यूरिया की कालाबाजारी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की मांग की है।