गर्मी के मौसम में अब समाप्त हो जाता है गोपालगंज के यमुना तालाब का पानी
सहेज लो हर बूंद नहीं हुआ इसके संरक्षण का कोई भी प्रयास मांझा राज की ओर से 200 साल पूर्व बनाया गया था यह तालाब।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 15 Apr 2021 09:36 PM (IST)
संवाद सूत्र, मांझा (गोपालगंज) : मांझा राज के किले के समीप बनाये गए यमुना तालाब के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है। लंबे समय से इस तालाब का जीर्णोद्धार नहीं होने के कारण इस तालाब का पानी भी अब गर्मी के दिनों में समाप्त हो जाता है। स्थानीय लोग करीब दो सौ साल पुराने इस तालाब को बचाने की दिशा में पहल की अपील कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार मांझा राज की ओर से मांझा में स्थित पुराने किले के समीप इस यमुना तालाब का निर्माण कार्य करीब 200 साल पूर्व कराया गया था। तब इसकी भव्यता देखते ही बनती थी। काफी गहरा होने के कारण इस तालाब में सालों भर पानी रहता था। इलाके का प्रमुख जलस्त्रोत होने के कारण इस तालाब के आसपास के इलाके में तब महज बीस फीट नीचे ही भू-गर्भ का पीने लायक पानी मिल जाता था। तालाब की भव्यता का अंदाला इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग मांझा आते थे। समय के साथ इस तालाब की ओर से ध्यान हटने लगा। तालाब की लंबे समय से सफाई नहीं होने के कारण इसकी गहराई कम होती गई। आज स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि उचित देखरेख के अभाव में इस पुराने तालाब का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। तालाब का पानी अब मई महीने के अंत तक समाप्त हो जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि अपने समय में काफी बेहतर स्थिति में रहे इस तालाब की स्थिति में सुधार के लिए प्रशासनिक स्तर पर पहल की जरुरत है। लोगों की मानें तो अगर प्रशासनिक स्तर यमुना का सफाई तथा सौंदर्यीकरण के लिए अभियान चलाया गया, तो शायद यमुना तालाब के अस्तित्व को बचाया जा सकता है। इसके लिए प्रशासन व समाज को भी पहल करने की जरूरत है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।