सिंचाई की समस्या से जूझ रहे किसान
जागरण संवाददाता, अरवल
जिले के कुर्था, करपी तथा वंशी प्रखंड के तमाम गांवों के किसानों की कृषि एवं सिंचाई समस्या आजादी के पैंसठ साल बीतने के बाद भी जस की तस बनी हुयी है। पुनपुन नदी तथा अन्य नदी नालों से भरा रहने के बावजूद भी किसान वर्ग कभी बाढ़ की विभीषिका से तबाह हो रहे है एवं तो कभी सुखाड़ के प्रकोप से लहलहाता हुआ धान व गेहूं का पौधा झूलसकर बर्बाद हो जाता है। इन प्रखंडों में पुनपुन नदी के अलावे अन्य नदी नाले बहती है। लेकिन किसानों को इन दिनों नालों से समुचित सिंचाई नहीं हो पाता है। क्योंकि इन नदी नालों के द्वारा नहर की व्यवस्था नहीं हो पाया है जिससे किसान अपने फसल की सिंचाई उचित रुप से कर सकें। धान का कटोरा कहे जाने वाले उपजाउ भूमि होने के बावजूद यहां के किसान फटेहाल एवं बदहाल स्थिति में अपना गुजर बसर कर रहे हैं। सरकार द्वारा लगाये गये नलकूप भी गांवों में मृत पड़ा है। जिसकी सुधि लेने वाला न तो कोई कर्मचारी दिखाई पड़ते हैं और न ही अधिकारी। विडम्बना इस बात की है कि जो किसान दूसरे के पेट भरने के लिए दिन रात हाड़ तोड़ मेहनत कर अपना शरीर गला रहे हैं और अन्न उपजा रह हैं। आज स्वयं भूखे पेट सोने पर मजबूर हैं। सिंचाई के अभाव में किसानों का फसल बिचड़ा के समय से ही बर्बाद होना प्रारंभ हो जाता है और अंतत: सिंचाई की कमी के कारण फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच जाता है।
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