Bihar Politics: बिहार में ढह गया NDA का ये पुराना किला, Nitish Kumar को पुराने 'दोस्त' ने दे दिया तगड़ा झटका
एनडीए का गढ़ मानी जाने वाली बिहार (Bihar Loksabha Election Result 2024) की जहानाबाद लोकसभा सीट (Jehanabad Loksabha Result 2024) पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पुराने साथी ने जदयू को तगड़ा झटका दिया है। जहानाबाद की त्रिकोणीय लड़ाई में राजद के डॉ. सुरेंद्र यादव ने जीत दर्ज की कर ली है। उन्होंने जदयू कैंडिडेट निवर्तमान सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को एक लाख 42 हजार वोटों से करारी मात दी।
कभी नीतीश कुमार के साथ कदम-कदम मिलने वाले जहानाबाद के दिग्गज नेता अरुण कुमार इस बार बसपा के टिकट पर मैदान में थे। बसपा प्रत्याशी और पूर्व सांसद अरुण कुमार इस बार तीसरे स्थान पर रहे।अरुण कुमार को 86 हजार 380 मत प्राप्त हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अरुण कुमार ने नीतीश कुमार के केंडिडेट को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। अरुण कुमार के मैदान में उतरने के कारण भुमिहार समाज पूरी तरह उनके पक्ष में उतर आया। भुमिहारों का वोट नहीं मिलना जदयू की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है।
वहीं, अन्य प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके हैं। जहानाबाद में रिकॉर्ड 11055 लोगों ने नोटा में बटन दबाया है।
9 लाख वोटर्स ने किया था मताधिकार का प्रयोग
जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र (Jehanabad Loksabha Election Result 2024) से कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। यहां अंतिम चरण में एक जून को मतदान हुआ था। पूरे लोकसभा क्षेत्र में 16 लाख 70 हजार 327 मतदाता हैं, जिसमें नौ लाख 20 हजार 144 लोगोंं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनके अलावा 6731 सेवा मतदाता ने पोस्टल बैलेट से मतदान किया था।महिलाओं ने बढ़-चढ़कर की वोटिंग
लोकसभा चुनाव का मतदान प्रतिशत 55.09 था। बूथों की संख्या 1793 थी। मतदान में पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाता ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। जहानाबाद लोकसभा में तीन जिलोंं के छह विधानसभा आते हैं, जिसमें जहानाबाद, मखदुमपुर, घोसी, अरवल, कुर्था व गया जिले का अतरी विधानसभा है। सभी विधानसभा में राजद प्रत्याशी को शानदार बढ़त मिली।
पिछले तीन संसदीय चुनाव 1999, 2009, 2014 और 2019 में लगातार मिली हार के बाद राजद ने पांचवीं पारी में अपनी जीत सुनिश्चित कर ली। पांचों मुकाबले में राजद से प्रत्याशी सुरेंद्र प्रसाद ही रहे हैं।
1998 में सुरेंद्र यादव पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे थे। तब उन्होंने
कांग्रेस व सीपीआई का गढ़ तोड़कर किला फतह किया था। हालांकि उनका कार्यकाल 13 माह का ही रहा। 1999 में दोबारा हुए चुनाव में जदयू प्रत्याशी अरुण कुमार (वर्तमान बसपा प्रत्याशी) से मात खानी पड़ी थी।
2004 के लोस चुनाव में राजद ने गणेश यादव को मैदान में उतारा था और जीतकर दिल्ली पहुंचे थे। 2009 के लोस चुनाव में सुरेंद्र यादव मैदान में उतरे। जदयू प्रत्याशी पूर्व सांसद जगदीश शर्मा से आमने-सामने का मुकाबला था, जिसमें सुरेंद्र यादव को हार का सामना करना पड़ा था।
2014 के चुनाव में सुरेंद्र यादव का सामना रालोसपा के अरुण कुमार (वर्तमान बसपा प्रत्याशी) से था। इस चुनाव में भी सुरेंद्र यादव को हार का सामना करना पड़ा था।
2019 के लोस चुनाव में सुरेंद्र यादव और जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें सुरेंद्र यादव ने कड़ी टक्कर दी थी। मात्र 1751 मत से सुरेंद्र यादव हार गए थे।
2024 में एक बार फिर सुरेंद्र यादव व जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें सुरेंद्र यादव ने जदयू को करारी हार दी और जीतकर कर दिल्ली पहुंचे। पांचवें प्रयास में सुरेंद्र यादव जीतने में सफल हुए।
यह भी पढ़ें: Nitish Kumar: क्या PM मोदी मानेंगे सीएम नीतीश कुमार की ये 3 मांगें? दिल्ली में तस्वीर होगी साफ
Nitish Kumar: 'बिहार किंग मेकर की भूमिका में...', तेजस्वी ने बता दी अपनी 3 डिमांड; नीतीश को क्लियर मैसेज
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।