देश के लिए उदाहरण बना बिहार का ये गांव, तालाब को बनाया पर्यटन का बड़ा केंद्र; रोजगार के साथ हो रही अच्छी कमाई
बिहार के जहानाबाद में मांदिल पंचायत एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति के दिए उपहार को सहेजकर रोजगार का साधन बना लिया गया है। यहां 16 छोटे तालाबों का निर्माण कर मछली पालन को बढ़ावा दिया गया है। इससे रोजगार सृजन की नई राह खुली है। इस पंचायत को प्रधानमंत्री के हाथों दो पुरस्कार मिल चुके हैं। नेपाल व बिहार सरकार ने भी कई बार सम्मानित किया है।
By dheeraj kumarEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 07 Dec 2023 05:36 PM (IST)
धीरज कुमार, जहानाबाद। प्राप्त संसाधनों से ही उन्नति की राह कैसे निकलती है, अगर देखना हो जहानाबाद शहर से मात्र आठ किमी दूर मांदिल पंचायत आएं।
यहां 52 एकड़ भू भाग में फैले तालाब का सुंदरीकरण और नौका विहार की व्यवस्था कर मुखिया ने पर्यटन का बड़ा केंद्र बना दिया।इससे यह पंचायत पर्यटन के मानचित्र पर तेजी से उभरा ही, कमाई का बड़ा स्रोत भी बन गया। अब गांव के लोग भ्रमण के लिए शहर नहीं जाते, बल्कि पूरा शहर ही हर शाम में उठ कर मांदिल चला आता है।
नौका विहार का आनंद उठाते हैं लोग
तय शुल्क देकर नौका विहार का आनंद उठाते हैं। एक व्यक्ति का शुल्क 30 रुपये है, इससे इतनी आमद हो जाती है, कि नौका संचालन और रख रखाव के लिए छह ग्रामीणों का मासिक मानदेय निकल जाता है।इससे अतिरिक्त बची रकम नौका विहार का अलग बैंक खाता खोल जमा की जा रही है। अभी इसमें 50 हजार रुपये जमा हैं।
मुखिया की योजना है कि भविष्य में इस खाते से 10 -10 हजार रुपये स्वरोजगार को इच्छुक लोगों को बिना ब्याज के दिए जाएंगे।
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गांव में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। वाई फाई की सुविधा भी है। सड़कें गड्ढा मुक्त हैं। स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। नौका विहार, रंगीन फव्वारे, ओपन जिम, वेलकम बोर्ड व पार्क आकर्षण के केंद्र हैं।तालाब में पानी कम न हो इसके लिए बोरिंग के साथ तालाब को दरधा नदी से जोड़ दिया। गांव सहित पूरी पंचायत को स्वच्छ एवं हरित बनाने के लिए मुखिया को गत दिनों केंद्र सरकार ने प्रशंसा पत्र भेजा था। मुखिया बबलू कुमार को केंद्र सरकार की ओर से दो-दो पुरस्कार पहले भी मिल चुके हैं। यहां का विकास माडल पूरे देश के लिए उदाहरण है।मुखिया ने बदल दी पंचायत की तस्वीर
सात वर्ष के कार्यकाल में मुखिया ने पंचायत की पूरी तस्वीर ही बदल दी। 16 हजार की आबादी वाली पंचायत में लोगों के लिए शिक्षा और रोजगार का भी प्रबंध किया है। कौशल विकास केंद्र से दो दर्जन महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। नौका विहार में छह, वनपालक में 16 और स्वच्छता में 32 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है।16 निजी तालाब का निर्माण करा कर लोगों को मछली पालन के व्यवसाय से जोड़ा है। हर घर बिजली, हर घर नल का जल लोगों को मिल रहा है।पंचायत के तीन गांव जमुआमा, पकड़ी व सलेमपुर में तीन नए अस्पताल भवन हैं, जिनमें एक निर्माणाधीन है। इस पंचायत में जिले का एकलौता माडल आंगनबाड़ी केंद्र भवन है। लोगों की समस्या जानने के लिए पंचायत सरकार भवन में हर दिन मुखिया दरबार लगाते हैं। गांव टोला में घूम घूम कर अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हैं। इस वजह से पंचायत के अधिकतर स्कूलों में नामांकन 90 से 92 प्रतिशत है।पंचायत का सर्वांगीण विकास केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं के तत्परता से क्रियान्वयन के कारण संभव हो सका है। मेरा लक्ष्य अपनी पंचायत को देश में नंबर वन बनाना है। - बबलू कुमार, मुखिया, मांदिल पंचायत, जहानाबाद