Bihar Government School: बदल जाएगी अरवल के 5 सरकारी स्कूलों की सूरत, मिलेंगी वर्ल्डक्लास सुविधाएं
अरवल जिले में 5 विद्यालयों का चयन पीएम श्री योजना के लिए हुआ है जिनमें नवोदय विद्यालय और 4 मध्य विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों में नवीनतम तकनीक स्मार्ट कक्षा खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाएगा। विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि चयन के बाद विद्यालयों में कई तरह की सुविधाएं बढ़ेंगी।
जागरण संवाददाता, अरवल। अरवल जिले में कुल पांच विद्यालयों का चयन पीएम श्री के लिए हुआ है। सभी पांच प्रखंडों में एक-एक विद्यालय का चयन पीएम श्री के लिए किया गया है। विभाग द्वारा एक दर्जन से ज्यादा विद्यालयों को चिह्नित करते हुए सूची भेजी गई थी, जिसमें राज्यस्तर पर अंतिम रूप से पांच विद्यालयों का चयन किया गया।
नवोदय विद्यालय भी पीएम श्री योजना के अंतर्गत है। इसके अलावा चयनित विद्यालयों में मध्य विद्यालय अमरा, मध्य विद्यालय बलिदाद,मध्य विद्यालय मुरारी, मध्य विद्यालय कुर्था और मध्य विद्यालय सोनभद्र शामिल है। इन विद्यालयों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने तथा बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा। विद्यालयों में ड्रॉप आउट रेट को भी कम करने में मदद मिलेगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी बिंदु कुमारी ने कहा कि पीएम श्री योजना के लिए चयन होने के बाद इन विद्यालयों में कई तरह की सुविधाएं बढेंगी।
नए स्थानांतरण नीति से शिक्षकों को होगी परेशानी
शिक्षा विभाग के द्वारा लाई गई नई स्थानांतरण नीति शिक्षकों को प्रताड़ित करने की साजिश है। सरकार ने खासकर पुरुष शिक्षकों को नये पदस्थापन के लिए गृह अनुमंडल को छोड़कर दस अन्य अनुमंडलों का विकल्प मांगा है। यह सभी पुरुष शिक्षकों को घर परिवार से बहुत दूर तथा दूसरे ज़िलों में पदस्थापित करने की योजना है। सरकार स्वस्थ्य पुरुष शिक्षकों को सजा देना चाहती है।उक्त बातें मधुबनी में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष संजीव कुमार कामत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा।जिला अध्यक्ष ने कहा कि नई स्थानांतरण नीति से सिर्फ़ राज्य के बाहरी शिक्षकों को ही लाभ होगा। क्योंकि उन्हें अपने राज्य के सीमा क्षेत्र के नजदीक पदस्थापित होने का मौका मिलेगा। बिहार के निवासी शिक्षक न सिर्फ अपने गृह अनुमंडल से बल्कि गृह जिले से भी बाहर स्थानांतरित हो जाएंगे।
सरकार को महिला शिक्षिकाओं के समान ही पुरुष शिक्षकों को भी अपने गृह पंचायत को छोड़कर पड़ोस के पंचायतों में पदस्थापन की नीति लानी चाहिए ताकि सभी शिक्षक चिंता मुक्त होकर विद्यालय में बेहतर ढंग से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें। यह अलोक तांत्रिक एवं असंवैधानिक कार्रवाई है।
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