देश के लिए नजीर बना बिहार का WiFi-CCTV वाला गांव, जिम और पार्क की भी सुविधा; मुखिया को PM से मिल चुका पुरस्कार
बिहार के जहानाबाद में एक ऐसा गांव है जहां किसी मेट्रो शहर जैसी सुविधाएं हैं। जहानाबाद के मांदिल गांव में सीसीटीवी वाई-फाई समेत तमाम तरह की आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। ग्रामीणों के लिए पार्क और जिम की भी व्यवस्था है। साथ ही गांव के मुखिया ने सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिलाया है। गांव के मुखिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सम्मान भी मिल चुका है।
By dheeraj kumarEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sat, 07 Oct 2023 04:52 PM (IST)
धीरज कुमार, जहानाबाद। बिहार के एक गांव में शहर जैसी सुविधाएं हैं। जहानाबाद का मांदिल गांव आधुनिक सुविधाओं की ऐसी मिसाल पेश कर रहा है, जिसके चर्चे हैं। यहां जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। सड़कें गड्ढा मुक्त हैं। सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं, जो रात में दूधिया रोशनी से जगमगाती रहती हैं। नौका विहार, रंगीन फव्वारे, वाईफाई, ओपन जिम, वेलकम बोर्ड व पार्क आकर्षण के केंद्र हैं।
गांव सहित पूरी पंचायत को स्वच्छ एवं हरित बनाने के लिए मुखिया को गत दिनों केंद्र सरकार ने प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया था। मुखिया बबलू कुमार को केंद्र सरकार द्वारा दो-दो पुरस्कार पहले भी मिल चुके हैं। यहां का विकास मॉडल पूरे देश के लिए उदाहरण है।
मुखिया ने सात सालों में बदली गांव की तस्वीर
सात साल के कार्यकाल में मुखिया ने पंचायत की पूरी तस्वीर ही बदल दी। यहां सुबह उठकर हर उम्र के लोग शहर की तरह अपना स्वास्थ्य दुरुस्त रखने के लिए पार्क और जिम के लिए निकल जाते हैं। सुबह-शाम नौका विहार का भी आनंद लेते हैं। 16 हजार की आबादी वाली पंचायत में मुखिया ने लोगों के लिए शिक्षा और रोजगार का भी प्रबंध किया है।
मुखिया ने किया रोजगार का प्रबंध
ग्रामीण देवकी प्रसाद,अवधेश यादव,अभय कुमार शशि,युवराज कुमार, रामबाबू यादव ने बताया कि कौशल विकास केंद्र से दो दर्जन महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। ये महिलाएं अब अपने घरों में सिलाई कढ़ाई का काम कर अपनी जीविका चला रही हैं। मनरेगा के तहत इस साल अब तक 600 मजदूरों को रोजगार दिया है। नौका विहार में छह, वनपालक में 16 और स्वच्छता में 32 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है।
16 निजी तालाब का निर्माण करा कर लोगों को मछली पालन के व्यवसाय से भी जोड़ा है। हर घर बिजली हर घर नल का जल भी लोगों को मिल रहा है। स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के लिए तीन गांव जमुआमा, पकड़ी व सलेमपुर में तीन नए अस्पताल भवन का निर्माण कराया गया है, जिसमें एक निर्माणाधीन है। इस पंचायत में जिले का इकलौता मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भवन है। लोगों की समस्या जानने के लिए पंचायत सरकार भवन में हर दिन मुखिया दरबार लगाते हैं। ओबीसी बाहुल्य पंचायत होने के कारण गांव टोला में घूम-घूम कर अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हैं। इस वजह से पंचायत के अधिकतर स्कूलों में नामांकन 90 से 92 प्रतिशत के आसपास है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।2018 से लेकर 2023 के बीच मुखिया को मिले नौ पुरस्कार
पंचायत के सशक्तीकरण को लेकर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखिया बबलू कुमार को एक साथ दो पुरस्कार से आनलाइन सम्मानित किया था। इससे पहले 2020 में नेपाल के उप प्रधानमंत्री के हाथों भी मुखिया सम्मानित किए जा चुके हैं। 2018 से लेकर 2023 के बीच विभिन्न क्षेत्रों में पंचायत के बेहतरी के लिए कुल नौ पुरस्कार हासिल कर चुके हैं।ये भी पढ़ें- Bihar News: गया जी पहुंची यूक्रेन की महिला, युद्ध में मारे गए लोगों के लिए किया पिंडदान; दिया शांति का संदेश ये भी पढ़ें- बदहाल सिस्टम... सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए लगता है 'चढ़ावा', गमजदा परिवारों का हो रहा आर्थिक शोषणलोग अपने फायदे के लिए चुनाव जीतते हैं। मैं जनता के दुख-दर्द में सहभागी बनकर इसका निपटारा करने के लिए मुखिया बना हूं। मेरा प्रयास है कि पंचायत के लोगों को पढ़ाई, दवाई और कमाई के लिए बाहर का रुख नहीं करना पड़े। - बबलू कुमार, मुखिया, मांदिल पंचायत