Lok Sabha Election: नीतीश कुमार की JDU का गढ़ है ये लोकसभा सीट, फिर भी 2014 में पलट गया था 'गेम'; समझें समीकरण
मोदी लहर के सामने जदयू प्रत्याशी उद्योगपति अनिल शर्मा को हार का सामना करना पड़ा था। पहली बार अपनी परंपरागत सीट पर जदयू एक लाख से कुछ अधिक वोट के अंदर सिमट गई थी। मुख्य मुकाबला एनडीए समर्थित रालोसपा के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार और राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव के बीच रहा जिसमें डॉक्टर अरुण कुमार ने मोदी लहर में जीत का पतका फहरा दिया था।
जागरण संवाददाता, जहानाबाद। राजद सुप्रीमो लालू यादव से अलग होने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी अपनी स्थापना काल से ही जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में विजेता तथा उपविजेता की भूमिका में रही है। मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार मुख्य मुकाबले से बाहर रहे थे। उस समय देश में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की लहर चल रही थी, जिसमें विरोधी खेमा धराशायी होता गया।
2014 के चुनाव में पहली बार जदयू भाजपा से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ी थी। मोदी लहर के सामने जदयू प्रत्याशी उद्योगपति अनिल शर्मा को हार का सामना करना पड़ा था। पहली बार अपनी परंपरागत सीट पर जदयू एक लाख से कुछ अधिक वोट के अंदर सिमट गई थी। मुख्य मुकाबला एनडीए समर्थित रालोसपा के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार और राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव के बीच रहा, जिसमें डॉक्टर अरुण कुमार ने मोदी लहर में जीत का पतका फहरा दिया था।
अरुण कुमार जदयू के संस्थापक सदस्य भी रहे हैं। इसी पार्टी की टिकट पर एक बार पहले भी चुनाव जीतने में सफल हुए थे। बाद में उपेंद्र कुशवाहा के साथ अरुण कुमार जदयू से अलग होकर खुद की पार्टी बनाकर एनडीए में शामिल हो गए थे। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू के डॉ जगदीश शर्मा चुनाव जीते थे। 2019 में भी जदयू की जीत इस सीट पर हुई ।
इस तरह पार्टी के स्थापना काल के बाद एकमात्र 2014 का चुनाव ही ऐसा रहा जब जदयू यहां मुख्य मुकाबले से बाहर तीसरे स्थान पर सिमट गई थी।
2019 के नतीजे
चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी- जदयू- 335584सुरेंद्र यादव- राजद- 333833जीत और हार का अंतर- 1751
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