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Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग BPSC टीचरों पर मेहरबान, दे दी बड़ी खुशखबरी

बिहार शिक्षा विभाग ने एक नया नियम जारी किया है। जिसके तहत स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। अब नियोजित शिक्षकों की तुलना में बीपीएससी शिक्षकों को प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस नए फैसले से नियोजित शिक्षकों पर असर पड़ेगा। जिले में बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक की भूमिका में हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 08 Sep 2024 03:04 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, जहानाबाद। शिक्षा विभाग के अधिकारी बीपीएससी शिक्षक पर मेहरबान हैं। अब इनको नई जिम्मेवारी मिलने की संभावना है। स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए नया नियम जारी किया है। अब नियोजित शिक्षकों की तुलना में बीपीएससी शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

उनको प्रधानाध्यापक की जिम्मेवारी दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने एक पत्र के माध्यम से यह आदेश दिया है। इसमें स्पष्ट कहा गया कि नियोजित शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेवारी नहीं दी जाएगी। किसी भी स्कूल में अगर स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं हैं तो पुराने वेतनमान वाले शिक्षक को ही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा।

ये है नया नियम

अगर उस स्कूल में पुराने वेतनमान वाले एक से अधिक शिक्षक हैं तो जो शिक्षक सबसे वरिष्ठ होंगे, उन्हें ही प्रभारी प्रधानाध्यापक का पदभार सौंपा जाएगा। नए नियम के अनुसार नियोजित शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद से हटा दिया जाएगा।

इस नए फैसले से नियोजित शिक्षकों पर असर पड़ेगा। जिले में बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक की भूमिका में हैं। उधर, डीपीओ स्थापना ने बताया कि विभाग का आदेश जारी हुआ है व सभी अधिकारियों को सूचना दिया गया है।

शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति बंद करने की मांग

भभुआ में स्थित नगरपालिका मध्य विद्यालय में रविवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू के आह्वान पर जिलाध्यक्ष संतोष कुमार प्रसाद की अध्यक्षता में शिक्षकों की बैठक की गई।

बैठक में नियोजित शिक्षकों के काल बद्ध प्रोन्नति कार्य को पूर्ण करना नियोजित शिक्षकों के विद्यालय प्रभार मामले में शिक्षा विभाग का निर्गत पत्र पर रोक लगवाने, नियोजित शिक्षकों को सेवा निरंतर का लाभ सुनिश्चित करना, नियोजित शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण सुविधा की नीति को प्रारंभ करना, शिक्षकों का ऑनलाइन उपस्थिति बंद करना, आदि पर चर्चा की गई।