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Bihar: 25 साल पहले मेले में बिछड़ गए थे पिता, स्‍वजन का दुख देख बेटे ने निकाला यह हल; भर आईं सभी की आंखें

बचपन में गंगा दशहरा के मौके पर लापता पिता को मोक्ष दिलाने के लिए बेटे ने कुछ ऐसे किया की हर किसी की आंखे नम हो गई। 25 साल बाद बेटे ने परिवार वालों और पंडितों के राय के बाद गुमशुदा पिता का पुतला बनाकर उनका दाह संस्कार दिया। इस दौरान रिश्तेदारों के साथ-साथ आस पड़ोस के लोग भी इस दाह संस्कार में शामिल हुए।

By dheeraj kumarEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 14 Sep 2023 04:47 PM (IST)
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पटना के फतुहा गंगा घाट किनारे सन्नी की पिता का दाह संस्कार।

राजेश कुमार, जहानाबाद: पटना के फतुहा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। फतुहा गंगा घाट किनारे एक बेटे द्वारा अपने पिता का दाह संस्कार बीते दो हफ्ते से चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरअसल, जहानाबाद सदर प्रखंड के उंटा मदारपुर गांव के रहने वाले सन्नी कुमार के पिता महेंद्र यादव 25 साल पहले लापता हो गए थे। गुम पिता की आस देखकर थक चुके बेटे ने उनको मृत मानकर मोक्ष दिलाने की ठानी। इसके लिए उसने परिवार वालों और पंडितों से राय मशविरा पिता के श्राद्धकर्म की तैयारी की।

रिति रिवाज के साथ पिता को दी मुखाग्नि

इसके लिए उसने 2 सिंतबर को पिता का पुतला बनाकर अर्थी सजाया और फतुहा के गंगा घाट पहुंचा। यह देख लोगों की आंखें नम हो गई। उसके साथ उसके रिश्तेदार और आस-पड़ोस लोग भी गए। यहां हिंदू रिति रिवाज के अनुसार सन्नी ने पिता को मुखाग्नि दी। पुतला जलने के बाद घाट किनारे सभी को भोज कराया गया।

इसके बाद मंगलवार को दशकर्म पर सन्नी सहित परिवार के सभी सदस्यों ने बाल मुंडवाया और अब गुरुवार को श्राद्धकर्म के लिए सभी रिश्तेदारों और परिचितों को आमंत्रित किया।

गंगा दशहरा के मेले में लापता हो गए थे पिता

सन्नी ने बताया कि जब वह दो साल के थे। उसी समय गंगा दशहरा के मेले से उनके पिता लापता हो गए। उस समय उनकी बहन चार साल की थी। काफी खोजबीन के उनकी मां ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

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लेकिन कोई सुराग के हाथ नहीं लगा और 25 साल भी उनके पिता लौट कर नहीं आए। पिता की लौटने के आस में पूरे परिवार की आंखें पथरा गई। इसके बाद सन्नी ने पिता की जगह खेती-किसानी का भार उठा लिया।

धीरे-धीरे समय चलता रहा। लेकिन पिता के गुम होने की कसक अक्सर परिवार को कचोटती रही। इसके बाद उन्होंने पिता को मोक्ष दिलाने की इरादा किया और उनका पुतला बनाकर क्रिया क्रम किया।

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