Move to Jagran APP

या अली या हुसैन के नारों से गुंजायमान हुआ फिजा

जहानाबाद। मुहर्रम के अवसर पर हजरत इमाम हुसैन को मानने वालों ने शुक्रवार को फूल चौकी अ

By JagranEdited By: Updated: Fri, 21 Sep 2018 08:08 PM (IST)
Hero Image
या अली या हुसैन के नारों से गुंजायमान हुआ फिजा

जहानाबाद। मुहर्रम के अवसर पर हजरत इमाम हुसैन को मानने वालों ने शुक्रवार को फूल चौकी और सिपहर का प्रदर्शन किया। इस दरम्यान पुरा फिजा या हुसैन या अली के नारों से गुंजायमान होता रहा। हर कोई यह नारा लगाते हुए इधर से उधर दौड़ते देखे गये। विशेषकर हजरत इमाम हुसैन के दूत हर इमामबाड़ों पर घुमते रहे और या हुसैन या अली के नारे लगाते रहे। ऐसी मान्यता है कि हजरत इमाम हुसैन की शहादत के बाद पैंक इधर उधर दौड़कर उन्हें ढूंढते फिर रहे थे और या हुसैन या अली के नारे लगा रहे थे। उन्हीं की याद में पैंक आज भी इधर उधर नंगे पैर नंगे सर कमर में घंटी और गले में हुसैन का पट्टा बांधकर दौड़ते रहते हैं। परंपरा के मुताबिक मुहर्रम की दसवीं तिथि को विभिन्न इमामबाड़ों से ताजिया निकली। ताजिया तय स्थानों से होते हुए राजाबाजार पहुंची जहां नन्हें सहित हजरत अली को दुध का प्याला पेश किया गया। बताया जाता है कि इसी दिन हजरत अली असगर को यजिदियों ने एक बूंद पानी मांगने पर शहीद कर दिया था। मुहर्रम की दसवीं को योम ए आशुरा भी कहा जाता है। इस दिन हजरत इमाम हुसैन अपने बहतर साथियों के साथ अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए शहीद हो गये थे। इस दिन मुसलमान रोजा रखते हैं और कुरान की तिलावत करते हैं। साथ ही अपने घरों में खिचड़ा मलिदा और मिठे पकवान बनाकर फातिहा करते हैं। काको तथा पाली में भी मुस्लिम भाईयों ने ताजिया निकाली। मखदुमपुर प्रखंड के अल्पसंख्यक गांवों में राज्य सरकार के शिक्षा, विधि एवं समाज कल्याण मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने अखाड़े में लाठी खेली। इस प्रखंड के बगवार, पकाही, सुगांव, कोहरा, सरेन, मखदुमपुर, ढोढ़हा, कायमगंज तथा दानुबिगहा आदि गांवों में ताजिया निकाली गई। रतनी फरीदपुर प्रखंड के शकुराबाद, फरीदपुर, कनसुआ आदि गांवों में मुस्लिम भाईयों ने ताजिया जुलूस निकाली।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।