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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या की तरह बिहार में भी होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, इस जिले में विराजेंगे मर्यादा पुरुषोत्तम

मां कालिका मंदिर के संचालक ने बताया कि जयपुर से 11 लाख 50 हजार की भव्य प्रतिमा मंगवाई गई है।इसके साथ गिद्धेश्वर पहाड़ की चोटी पर स्थित मंदिर में भी गिद्ध भगवान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सभी प्रतिमा 2 से 2.5 फीट की है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित होने के समय ही यहां भी मूर्ति स्थापित कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 10 Jan 2024 03:26 PM (IST)
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अयोध्या की तरह बिहार में भी होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, इस जिले में विराजेंगे मर्यादा पुरुषोत्तम

संवाद सूत्र, बरहट (जमुई)। अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित किए जाने के समय ही मां कालिका मंदिर मलयपुर में भी राम-लक्ष्मण सहित मां जानकी व बजरंगबली सहित राधा -कृष्ण की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जयपुर के कारीगरों द्वारा मार्बल निर्मित प्रतिमा का निर्माण कराया गया है।

जानकारी देते हुए मां कालिका मंदिर के संचालक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जयपुर से 11 लाख 50 हजार की भव्य प्रतिमा मंगवाई गई है।इसके साथ गिद्धेश्वर पहाड़ की चोटी पर स्थित मंदिर में भी गिद्ध भगवान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सभी प्रतिमा 2 से 2.5 फीट की है।

जमुई में भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

उन्होंने बताया कि अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित होने के समय ही यहां भी मूर्ति स्थापित कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। जिसके लिए मंदिर का भी निर्माण पूर्ण हो गया है। साथ ही वातानुकूलित शयनकक्ष का निर्माण किया गया है। प्रतिमा स्थापित के पूर्व प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 18 जनवरी को जलयात्रा निकाली जाएगी। साथ ही उसी दिन से सप्त दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शुभारंभ होगा। यज्ञ में बिहार और झारखंड से पंडित शामिल होंगे।

मां कालिका मंदिर में राम लक्ष्मण सहित मां जानकी व बजरंगबली सहित राधा कृष्ण की प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद जिले ही नहीं, अगल-बगल के दर्जनों जिला के लोगों के आकर्षण का भी केंद्र यह मंदिर रहेगा। मंदिर में वैष्णो माता की भव्य आकर्षक मूर्ति की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में माता के नौ रूप पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवीं स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री के साथ सबसे ऊपर वाले मंदिर की चोटी पर कालेश्वर महादेव के शिवलिंग के साथगणेश भगवान की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

मंदिर के सचिव प्रसून सिंह ने बताया कि मंदिर में नित्य दिन पूजा-पाठ साफ-सफाई संध्या आरती के साथ महाप्रसाद का वितरण भी किया जाता है। बताते चलें कि मंदिर में मां कालिका के साथ भगवान शंकर, गणेश भगवान सहित अन्य देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमा पूर्व से ही स्थापित है, जो लोगों को खूब आकर्षित करती है। यहां नित्यदिन संध्या आरती किया जाता है, जिसमें आसपास के दर्जन भर लोग आरती में शामिल होकर पूजा-अर्चना करते हैं।

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