Bihar Fake IPS: मुश्किल में फंसा फर्जी IPS बनने वाला मिथिलेश मांझी, पुलिस ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे
Jamui News जमुई के सिकंदरा थाना क्षेत्र में पकड़े गए फर्जी आईपीएस मिथिलेश मांझी के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया। मिथिलेश ने आरोप लगाया था कि मनोज सिंह नाम के व्यक्ति ने उसे 2.30 लाख में आईपीएस बनाया लेकिन पुलिस अनुसंधान में यह आरोप झूठ साबित हुआ। मिथिलेश ने खुद वर्दी सिलवाई और मामा से पैसे लेने की बात भी झूठ निकली।
संवाद सहयोगी, जमुई। जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र में पकड़ा गया फर्जी आईपीएस मिथिलेश मांझी मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मिथिलेश मांझी ने खैरा थाना क्षेत्र के किसी मनोज सिंह नाम के व्यक्ति पर आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया था कि 2 लाख 30 हजार रुपए में उसे आईपीएस बनाया गया।
इसके बाद पुलिस ने मनोज सिंह नाम के व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी। लेकिन, पुलिस के अनुसंधान में यह पता चला कि खैरा इलाके से मनोज सिंह नाम के किसी भी व्यक्ति द्वारा मिथिलेश कुमार से ठगी नहीं की गई थी। पुलिस के तकनीकी अनुसंधान में भी यह बात सामने आई की मिथिलेश मांझी द्वारा दिया गया मनोज सिंह नामक व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर कभी मिथिलेश मांझी की बात ही नहीं हुई थी।
उसके द्वारा दिया गया नंबर काफी दिनों से बंद मिला। पुलिस ने जब मिथिलेश मांझी के मोबाइल नेटवर्क के टावर लोकेशन का पता लगाया तो घटना वाले दिन उसका मोबाइल लोकेशन लखीसराय जिले में पाया गया। पुलिस द्वारा यहां तक बताया जा रहा है कि मिथिलेश मांझी ने खुद ही अपनी वर्दी का नाप देकर अपनी वर्दी सिलवाई गई है।
इसके साथ ही उसके मामा से 2 लाख रुपये पैसे लेने वाली बात भी पुलिस के अनुसंधान में झूठ साबित हो रही है। पुलिस के बयान से यह लग रहा है कि अब मिथिलेश मांझी की परेशानियां बढ़ने वाली है। वहीं मिथलेश मांझी इंटरनेट मीडिया पर फर्जी आईपीएस के नाम पर वायरल होने के बाद अपना इंटरनेट मीडिया पर खुद का अकाउंट बनाकर न केवल सुर्खिया बटोर रहा है, बल्कि वह फर्जी आईपीएस के बाद एक कलाकार की भूमिका निभा रहा है।
इसके साथ ही यूट्यूब चैनल बनाने के साथ-साथ वह क्षेत्रीय भाषा के म्यूजिक एल्बम में अभिनय करते भी नजर आ रहा है। पुलिस के अनुसंधान और बयान के बाद अब यह साफ होने लगने लगा है कि मिथिलेश मांझी अपने आप को इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने के लिए खुद से फर्जी आईपीएस बनकर सिकंदरा के बाजार में घूमना शुरू कर दिया था।
मामले में एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि मिथिलेश को पीआर बांड पर छोड़ा गया है। लेकिन, अगर उसने कानून की धारा का उल्लंघन किया है तो उसकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है। आईपीएस की वर्दी, जिसे मिथिलेश में पहन रखा था, उसका नाप मिथिलेश ने खुद दिया था और वर्दी भी उसके द्वारा ही तैयार करवाई गई, ऐसा प्रतीत हो रहा है।
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