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Bihar News: केके पाठक जी जरा ध्यान दीजिए... बिहार के इस स्कूल में तीन कमरों में पढ़ते हैं 440 बच्चे, कब बदलेगी व्यवस्था?

Bihar News अलीगंज प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित मध्य विद्यालय हिलसा कोदवरिया काफी पुराना विद्यालय है। यहां एक से आठवीं कक्षा तक विद्यालय चलता है। नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 440 है। विद्यालय परिसर में तीन कमरे हैं। दो कमरे काफी जर्जर हैं। बचे तीन कमरों में बैठकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। एक छोटे से कमरे में कार्यालय है।

By Manikant SinghEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Wed, 06 Dec 2023 03:30 PM (IST)
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बिहार के जमुई के स्कूल का बुरा हाल (जागरण)

रविशंकर सिह, अलीगंज(जमुई)। अलीगंज प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित मध्य विद्यालय हिलसा कोदवरिया काफी पुराना विद्यालय है। यहां एक से आठवीं कक्षा तक विद्यालय चलता है। नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 440 है। विद्यालय परिसर में तीन कमरे हैं। दो कमरे काफी जर्जर हैं।

बचे तीन कमरों में बैठकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। एक छोटे से कमरे में कार्यालय है। इसकी लंबाई करीब आठ फीट व चौड़ाई छह फीट से अधिक नहीं होगी। तीनों कमरे की स्थिति है कि बरसात में बैठना मुश्किल होता है। बरसात का पानी कमरे में ही गिरता है।  40 बच्चों पर एक कमरा व एक शिक्षक सरकारी नियमानुसार विद्यालय में 40 बच्चों पर एक कमरा व एक शिक्षक होने चाहिए।

कार्यालय के बाद मात्र तीन कमरा बचता है। ऐसे में एक कमरे में 125 बच्चे बैठेंगे। विद्यालय का परिसर भी बड़ा नहीं है। इसमें जमीन पर भी बच्चे बैठकर शिक्षा ग्रहण कर सकें। विद्यालय में पदस्थापित हैं आठ शिक्षक व शिक्षिकाएं मध्य विद्यालय हिलसा कोदवरिया में प्रधानाध्यापक सहित आठ शिक्षक शिक्षिका कार्यरत हैं। इसमें शिक्षकों की संख्या पांच है।

जगह की कमी के कारण एक ही जगह एक से पांचवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। एक ही जगह पांच कक्षा के बच्चों को पांच शिक्षक पढ़ाते हों तो बच्चे क्या सीखते होंगे। यह भी बड़ा सवाल है। भवन की कमी के कारण यहां दो शिफ्टों में पढ़ाई होती है। विद्यालय में पेयजल व शौचालय की भी समस्या विद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के प्यास बुझाने के लिए एकमात्र चापाकल है।

इसका पानी भी पीने लायक नहीं है। चापाकल से आयरन युक्त पानी निकलता है। वह भी खराब पङा हुआ है। विद्यालय परिसर में तीन शौचालय बना हुआ है। इसमें एक जर्जर है। दो शौचालय कामचलाऊ हैं। एचएम,कुमारी निहारिका का कहना है कि छात्र छात्राओं की संख्या अधिक है।

जगह की कमी है जब प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित विद्यालयों का हाल बेहाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों के विद्या मंदिरों की क्या स्थिति होगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है। संसाधन विहीन विद्यालयों में नामांकन कराकर छात्र-छात्राएं ठगा महसूस करते हैं।

इसीलिए विद्यालय में जाने से वे कतराने लगे हैं। जिसे देख अभिभावक भी परेशान हैं। सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा के कारण निजी विद्यालय फल फूल रहे हैं।

मध्य विद्यालय हिलसा लंबे समय से समस्याओं का दंश झेल रहा है। जर्जर कमरे कभी भी बड़े हादसे का गवाह बन सकते हैं। चार दशक पूर्व बने कमरों के गार्डर टूट कर दीवार से नीचे लटक गए हैं। इसके कारण छत धंस चुकी है। दीवार भी जर्जर है।

इसी कमरों में बैठकर एक से पांचवी कक्षा तक के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। छत पर दबाव पड़ते ही नीचे गिर जाएगा। ऐसे में बच्चों के जान माल का खतरा है। गार्डर टूटने के बाद कमरों के ध्वस्त होने की संभावना प्रबल हो गई है।

पुराने व जर्जर तीन कमरे में पढ़ रहे 430 छात्र-छात्राएं,पठन पाठन हो रहा प्रभावित। अलीगंज। सब पढे़ं, सब बढे़ं का नारा देकर शिक्षा विभाग के सर्व शिक्षा अभियान चलाकर गांव-गांव जाकर बच्चे व अभिभावक को स्कूल भेजने के लिए कवायद चला रखी है,लेकिन जमुई जिले के इस्लामनगर अलीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मध्य विधालय हिलसा कोदवरिया का विद्यालय भवन सदियों पुराना है।

काफी जर्जर अवस्था में है। विदित हो कि विद्यालय मे वर्ग एक से आठ तक कुल 430 छात्र-छात्राओं का नाम है। पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक पदस्थापित हैु।लेकिन भवन की की घोर अभाव है।मात्र तीन जर्जर कमरों में दो - दो वर्ग की कक्षा संचालित किया जा रहा है।

आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि एक कमरे मे दो वर्ग के छात्र-छात्राओं को शिक्षक किस तरह पढाई करते होगे। ग्रामीण भूतपूर्व मुखिया फौदारी यादव,भूतपूर्व उप मुखिया प्रभुदयाल सिंह,समाजसेवी शशिशेखर सिंह मुन्ना,विजय यादव,बालेश्वर यादव,स्वरूप यादव,दिनेश सिंह,राजीव बेलदार,अर्जुन मांझी,सुलेखा देवी,रोशिला देवी,बेबी देवी ,जवाहर साव ने बताया कि स्कूल का भवन काफी पुराना है।

मात्र तीन कमरे में लगभग चार सौ बच्चे की पढाई हो रही है। एक कमरे मे दो वर्ग के बच्चे आखिर कैसे पढाई करते होगे ये आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं। विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक वीरेंद्र प्रसाद,शयामनंदन कुमार ने बताया कि कमरे का स्कूल मे काफी कमी है।

पुराना जर्जर है।बरसात के दिनों में पानी छत से व दीवार से पसीजता है। उन्होने बताया कि जर्जर कमरे की दीवार भी कई जगहों पर क्रेक हो गया है । छत की प्लास्टर छोड़ रहा है। इससे खतरा बना रहता है। प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय में चापाकल खराब है। इससे मी -डे-मील के साथ बच्चे को पेयजल के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

विद्यालय उपस्कर का भी घोर अभाव है। बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ने को विवश हैं। ग्रामीणों ने शिक्षा वरीय पदाधिकारियों से विद्यालय भवन निर्माण के लिए पत्र लिखा गया है।

प्रखङ शिक्षा पदाधिकारी अलीगंज-मो कमरुउद्दीन अंसारी ने बताया कि इसकी सूचना जिला मुख्यालय को भेजी गई है । विद्यालय प्राचार्य निहारिका कुमारी बताती हैं कि इसकी समस्या से विभाग को कई बार अवगत कराया गया है।

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