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नौकरी की तलाश में बिहार के गोविंद को मिली 'मौत', झारखंड की हेमंत सरकार पर लापरवाही का आरोप

जमुई का गोविंद कुमार नौकरी की तलाश में झारखंड गया हुआ था। उसने गिरिडीह में सिपाही भर्ती में भाग लेने की ठानी। गर्मी के कारण भर्ती में वह दौड़ लगाने के दौरान चक्कर खाकर गिर पड़ा। उसे इलाज के लिए गिरिडीह में भर्ती कराया और फिर धनबाद रेफर किया और वहां से रांची रिम्स ले जाया गया लेकिन 2 घंटे तक एडमिट नहीं किया। जिसके बाद उसकी मौत हो गई।

By Manikant Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 02 Sep 2024 08:15 PM (IST)
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गोविंद कुमार की मौत के लिए परिजनों ने हेमंत सरकार को जिम्मेदार बताया।

संवाद सहयोगी, जमुई। गया था नौकरी की तलाश में और मिल गई मौत। यह घर की चौखट पकड़कर बिलखती मां का दर्द है। जिसका एक कमाऊ पुत्र गया तो था नौकरी की तलाश में, लेकिन घर वापस आया उसका शव। इस हृदय विदारक घटना से न सिर्फ एक घर में बल्कि पूरे गांव में मातम है। दुःख है एक लाल के चले जाने का।

यह घटना गिद्धौर प्रखंड के गंगरा गांव से जुड़ी है। गंगरा गांव के दो भाई 27 अगस्त को झारखंड के गिरिडीह में उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ में भाग लेने गए थे। 28 अगस्त को दौड़ होनी थी। दौड़ के लिए सुबह पांच बजे का समय था। अभ्यर्थियों को पांच बजे से ही लाइन में लगा दिया गया, लेकिन 11 बजे दौड़ की शुरुआत की गई।

भीषण गर्मी की वजह से गंगरा गांव के गोविंद कुमार और कई सारे अभ्यर्थी दौड़ के दौरान ही बेहोश हो गए। गर्मी अधिक होने के कारण छोटे भाई निर्मित ने दो चक्कर के बाद ग्राउंड छोड़ दिया और बड़ा भाई गोविंद नौकरी पाने के जुनून में दौड़ता रहा।

गोविंद के साथ कई अभ्यर्थी चक्कर खाकर गिर गए

छोटा भाई निर्मित दौड़ से बाहर निकलकर भाई का इंतजार कर रहा था। तभी सूचना मिली की लगभग दो दर्जन अभ्यर्थी चक्कर खाकर गिर गए। स्थिति नाजुक होने के कारण गोविंद को पहले प्राथमिक इलाज के लिए गिरिडीह के अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर रात के आठ बजे उसे धनबाद रेफर कर दिया गया।

रिम्स मे दो घंटे तक भर्ती नहीं कराया

धनबाद में भी गोविंद की स्थिति को नाजुक देखते हुए उसे रांची के रिम्स ले जाने को कहा गया, लेकिन रांची के रिम्स में दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी गोविंद को एडमिट नहीं किया गया और गोविंद की मौत हो गई। गोविंद की मौत के बाद स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घर के एक मात्र कमाऊ पुत्र के चले जाने का गम न केवल उसके परिवारवालों को है, बल्कि पूरे गांव को सता रहा है। गोविंद गंगरा पंचायत में ही स्वच्छता कर्मी के रूप में कार्यरत था। गोविंद के सिपाही भर्ती दौड़ में भाग लेने से मौत तक की पूरी कहानी उसके छोटे भाई ने जागरण को रुंधे गले से बतायी।

गोविंद के पिता बात करते-करते काफी भावुक हो गए। दोनों का कहना है कि गोविंद की मौत सरकार की लापरवाही से हुई, इसलिए गोविंद की मौत की जिम्मेवारी सरकार को लेनी चाहिए और इसके लिए सरकार को मुआवजे के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देनी चाहिए। अब देखना ये होगा कि झारखंड सरकार की नींद इस हादसे के बाद खुलती है या नहीं।

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