Jamui News: आरटीआई कार्यकर्ता समेत दोहरे हत्याकांड में 6 को आजीवन कारावास, जिला जज ने 67 पेज के फैसले में सुनाई सजा; जुर्माना भी लगाया
Jamui Latest News जमुई में आरटीआई कार्यकर्ता समेत दोहरे हत्याकांड को लेकर जिला जज ने फैसला सुना दिया है। सभी अभियुक्तों को हत्या समेत विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास के अलावा भी अलग-अलग सजा सुनाई गई और 40-40 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर अलग-अलग छह-छह माह की सजा अतिरिक्त होगी। सभी सजा साथ चलेगी।
संवाद सहयोगी, जमुई। सिकंदरा के बिछवे गांव में एक जुलाई 2018 को आरटीआई कार्यकर्ता बाल्मीकि यादव और धर्मेंद्र यादव की हत्या के मामले में जमुई के जिला जज धर्मेंद्र कुमार सिंह ने आरोपित तत्कालीन मुखिया कृष्णदेव रविदास समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया।
सभी अभियुक्तों को हत्या समेत विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास के अलावा भी अलग-अलग सजा सुनाई गई और 40-40 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर अलग-अलग छह-छह माह की सजा अतिरिक्त होगी। सभी सजा साथ चलेगी। साथ ही जिला जज ने मृतकों के परिवार को कानून के प्रावधानों के तहत सहायता के रूप में मुआवजा राशि के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भी लिखा है।
क्या है डबल मर्डर केस?
घटना के संबंध में बिछवे गांव के सरयुग यादव के बयान पर कुल नौ लोगों को नामजद करते हुए सिकंदरा थाना कांड संख्या 152/ 2018 दर्ज कराया गया था। इसमें तत्कालीन मुखिया कृष्णदेव रविदास समेत विनोद महतो, सुरेश महतो, सरवन महतो, नरेश यादव और श्री यादव के खिलाफ जमुई के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार सिंह की अदालत में मुकदमे का ट्रायल चला।
जहां बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्र कुमार सिंह, श्यामदेव सिंह, मकेश्वर यादव ने बचाव में अपनी अपनी दलीलें पेश की जबकि सरकार की ओर से लोक अभियोजक गणेश रावत, एपीपी मनोज कुमार सिंह तथा वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी कुमार यादव ने मृतकों की ओर से छह गवाह प्रस्तुत किए।
बचाव पक्ष ने 21 गवाहों को प्रस्तुत किया
बचाव पक्ष की ओर से अभियुक्तों को बचाने के लिए 21 गवाह प्रस्तुत किया गया। घटना के संबंध में बिछवे सिकन्दरा के सरयुग यादव ने अपने लिखित बयान में कहा कि 01/07/2018 की शाम छह बजे के करीब बिछवे सिकन्दरा लौटने के रास्ते में घात लगाए विनोद महतो, अवधेश यादव, कृष्णदेव रविदास, पंकज रविदास, नीरज रविदास, नरेश यादव, श्री यादव, सुरेश महतो सभी ग्राम बिछवे थाना सिकंदरा जमुई ने हथियार से लैस होकर आरटीआई कार्यकर्ता बाल्मिकी यादव की मोटरसाइकिल को रोका।
तत्कालीन मुखिया कृष्णदेव रविदास में अपने हाथ में लिए लोहे के रॉड से बाल्मीकी यादव के कनपटी पर वार कर दिया, जिससे मोटरसाइकिल समेत बाल्मीकि यादव और उस पर बैठा धर्मेंद्र यादव दोनों जमीन पर गिर पड़े। तब सुरेश महतो ने गोली मारने का आदेश दिया और कहा कि बड़ा कागजी आदमी बनता है। इसके जिंदा रहने से हम लोग चैन से नहीं रह पाएंगे। इतने पर विनोद महतो ने अपने हाथ में लिए अवैध देसी पिस्तौल से बाल्मीकि यादव के दाहिना कनपटी के ऊपर सिर में सटाकर गोली मार दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
अवधेश यादव ने अपने हाथ में लिए हुए देसी पिस्टल से धर्मेंद्र यादव के पंजरा में गोली मार दिया। गोली लगते ही धर्मेंद्र यादव भी वहीं पर मर गया। इस बीच सरवन महतो दौड़कर वहां पर आया और सभी ने मिलकर पत्थर एवं धारदार हथियार से दोनों के सिर पर अंधाधुंध वार कर हथियार से उसे कुचलकर सिर को काट दिया। दोनों की मौत को लेकर आश्वस्त होने के बाद सभी गाली देते हुए वहां से भाग गए।
तत्कालीन मुखिया कृष्णदेव रविदास द्वारा विभिन्न योजनाओं में कराए जा रहे काम में गड़बड़ी और आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में धर्मेंद्र यादव की पत्नी की रेणु देवी की जगह गलत ढंग से दूसरे को बहाल करने के खिलाफ बाल्मिकी यादव ने सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांग कर अक्सर अनियमितता पर रोक लगाने का प्रयास करता रहता था। इससे मुखिया कृष्णदेव रविदास और उनके गुर्गों को काफी परेशानी हो रही थी जिसके रंजिश में इस हत्या की घटना को अंजमा दिया गया।