Jamui News: जमुई में रडार पर हैं कई थानेदार, खनन पदाधिकारी की कार्यप्रणाली पर भी रखी जा रही नजर
जमुई के जिला पदाधिकारी राकेश कुमार तथा पुलिस अधीक्षक डा शौर्य सुमन ने अवैध खनन के खिलाफ सख्ती का संदेश देते हुए कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर जारी किया है। उन्होंने बताया कि उक्त मोबाइल नंबर 997185 9991 पर अवैध खनन की सूचना कोई भी व्यक्ति दे सकते हैं। उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। अधिकारी द्वय ने अब तक की कार्रवाई की उपलब्धियों का भी विवरण साझा किया है।
संवाद सहयोगी, जमुई। जिले में गैर-कानूनी गतिविधियों पर अंकुश पाने के लिए पुलिस एवं प्रशासन के बीच समन्वय की भूमिका अहम होती है। इन दिनों बेहतर समन्वय का ही नतीजा है कि अवैध खनन के खिलाफ कार्य योजना परिणाम की ओर अग्रसर दिखने लगा है। अब जिले के दोनों ही बड़े पदाधिकारी अपने मातहत अधिकारियों की नकेल कसने में जुट गए हैं। इसके पीछे ठोस वजह भी है।
अमूमन दोनों एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ कार्रवाई से बचते रहे हैं। कहा जाता है कि अवैध बालू के खेल में खनन विभाग एवं थाना की भूमिका हमेशा से संदेहास्पद रही है। यही वजह है कि अब कई स्तर पर जिले के थानेदारों तथा खनन विभाग के पदाधिकारियों की कार्य प्रणाली पर विशेष नजर रखी जा रही है। डीएम और एसपी ने इसके लिए सूचना तंत्र के साथ-साथ विभिन्न बाजारों की निजी प्रतिष्ठानों में स्थापित सीसीटीवी फुटेज का भी सहारा लेने की योजना बनाई है।
कहा जाता है कि अवैध खनन के खिलाफ खनन विभाग के अधिकारियों को बहुत ज्यादा मतलब नहीं होता है। इसकी वजह क्या है, यह जांच का विषय है। इसी बात का फायदा पुलिस के अधिकारी भी उठाते हैं और तमाम सख्ती के बावजूद थाना स्तर पर बालू से तेल निकालने का काम होता रहा है।
यह दीगर बात है कि गरही में घटित घटना के उपरांत एसपी के तेवर और तल्ख हो जाने की वजह से पुलिस के अधिकारी बालू तस्करों को फिलहाल संरक्षण देने से परहेज कर रहे हैं। इधर जिला पदाधिकारी ने भी खनन विभाग के अधिकारियों से हर दिन की कार्रवाई का ब्यौरा लेने का विचार किया है।
थानों में पदस्थापित होंगे अतिरिक्त पुलिस बल
जिले को 300 की संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल हाल में ही मिले हैं। अब पुलिस अधीक्षक ने उक्त बलों को बालू के खेल को रोकने में लगाने का मन बनाया है। छठ पूजा में उन जवानों की ड्यूटी अलग-अलग थानों में लगाई जाएगी। इसके अलावा प्रत्येक थाने में चुनिंदा पुलिस अधिकारियों को सिर्फ और सिर्फ अवैध खनन रोकने की जवाबदेही दी जाएगी। पुलिस अधीक्षक रात के अंधेरे में स्वयं भी निकलेंगे और जिस थाना क्षेत्र में एसपी के हाथों बालू की तस्करी पकड़ी गई, उक्त थानेदार की खैर नहीं होगी।
अवैध खनन की मोबाइल नंबर पर दें सूचना
जिला पदाधिकारी राकेश कुमार तथा पुलिस अधीक्षक डा शौर्य सुमन ने अवैध खनन के खिलाफ सख्ती का संदेश देते हुए कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर जारी किया है। उन्होंने बताया कि उक्त मोबाइल नंबर 997185 9991 पर अवैध खनन की सूचना कोई भी व्यक्ति दे सकते हैं। उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
अधिकारी द्वय ने अब तक की कार्रवाई की उपलब्धियों का भी विवरण साझा किया है। साथ ही कहा है कि किसी भी सूरत में बालू के अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उक्त कार्यों में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
करवाई बढ़ी तो बढ़ गई अपेक्षाएं
अमूमन काम करने वालों से ही अपेक्षाएं होती है। लिहाजा गैर कानूनी कार्यों पर अंकुश लगाने की जवाबदेही जिम्मेवार पदाधिकारियों की बढ़ जाती है। कुछ ऐसी ही तस्वीर फिलहाल जमुई की है। यहां अवैध खनन के खेल में वर्ष 2016 के बाद से उछाल आ गया। पहले बालू से तेल निकालने के मुहावरे कुछ लोगों के लिए कहे जाते थे। ऐसा इसलिए की तब बालू की कीमत मिट्टी के समान थी।
वक्त बदला तो बालू से तेल निकालने की बात तो छोड़ दीजिए, खुद व खुद घी निकलने लगे। इसके बाद तो अवैध खनन का वायरस जिले भर में ऐसा फैला कि इसके भागीदार अधिकारियों के लिए जमुई की नदियां कामधेनु बन गई। बीच-बीच में कुछेक पुलिस पदाधिकारियों द्वारा अवैध खनन के खेल को रोकने की कोशिश भी हुई लेकिन आशातीत सफलता नहीं मिल पाई।
वर्ष 2019 से अवैध खनन में लिप्त लोगों के बढ़े मनोबल के भी कारनामे सामने आने लगे। अधिकारियों व जवानों पर तस्करों एवं उसके गुर्गों का हमला होने लगा। अब ताजा घटना क्रम में अपर थानाध्यक्ष को ही बालू तस्कर ने अपने ट्रैक्टर से रौंद डाला।
बहरहाल अवैध खनन के खिलाफ बीते तीन वर्ष में की गई कार्रवाई के आंकड़े बहुत कुछ बयां कर रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो यह चौंकाने वाला है। 2021 में जब घाटों की बंदोबस्ती नहीं थी तब जिले भर के विभिन्न थानों में अवैध खनन, परिवहन व भंडारण के कुल 137 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2022 तथा 2023 में जून महीने तक जिले के 30 घाटों की बंदोबस्ती थी।
लिहाजा जिले के अधिकांश क्षेत्र में आवश्यकता के अनुरूप लीगल बालू की सुविधा उपलब्ध थी। इसके बावजूद लोग अवैध खनन, परिवहन व भंडारण में लगे रहे और कार्रवाई का भी डंडा चलता रहा। हालांकि अवैध खनन व परिवहन में बंदोबस्तधारियें की भी भूमिका खूब रही।
इन दो वर्षों में लगभग 600 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हुए। वर्ष 2022 की बात करें तो अवैध खनन के कुल 308 मामले प्रतिवेदित हुए। 2023 अक्टूबर तक में 296 मामले दर्ज किए गए। इस कार्रवाई में सदर थाना पहले पायदान पर है।
यहां बालू घाटों की संख्या भी अधिक है और डिमांड भी ज्यादा। 2022 में कुल 100 तथा 2023 में 76 मामले रजिस्टर्ड हुए। 2023 में तो दूसरे और तीसरे स्थान पर सिकंदरा और लक्ष्मीपुर थाना है। इन दोनों थाना क्षेत्र में बालू खनन की गुंजाइश नहीं है। यह सभी मामले अवैध परिवहन के हैं जो जमुई, खैरा, मलयपुर, बरहट, गिद्धौर, झाझा तथा सोनो थाना को आइना दिखा रहा है। यहां यह बताना लाजिमी है कि जमुई जिले से बालू परिवहन कर बाहर ले जाने के जमुई के अलावा सिकंदरा और लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र ही प्रमुख रास्ते हैं।
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