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Jamui: 'कभी-कभी ऐसा हो जाता है....' यूरिनल बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगाने से मरीज की मौत पर बड़बोले CS

Bihar जमुई में ट्रेन से गिरकर गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल पहुंचाए गए मरीज को यूरिनल बैग की जगह कोल्डड्रिंक की बोतल लगाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। रोगी की तकलीफ से ज्यादा विभाग को बिस्तर भींगने की चिंता थी। साथ ही बिना स्वजन के मरीज को बेड देकर एहसान किया गया है। ऐसा हम नहीं बल्कि वहां के सिविल सर्जन साहब कह रहे हैं।

By Ashish Kumar SinghEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 10 Aug 2023 05:57 PM (IST)
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जमुई सदर अस्पताल में भर्त स्टेशन के लावारिश मरीज की मौत। (जागरण फोटो)
संवाद सहयोगी, जमुई: बिहार के जमुई में ट्रेन से गिरकर गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल पहुंचाए गए मरीज को यूरिनल बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। रोगी की तकलीफ से ज्यादा विभाग बिस्तर भींगने की चिंता थी। साथ ही बिना स्वजन के मरीज को बेड देकर एहसान किया गया है। ऐसा हम नहीं कह रहे, हालांकि जिले के सिविल सर्जन के बयान के मायने तो यही हैं।

बड़बोले सिविल सर्जन साहब!

दरअसल, गुरुवार को सिविल सर्जन का हैरान करने वाला बयान सामने आया है। सिविल सर्जन डॉ कुमार महेंद्र प्रताप का कहना है कि यूरो बैग क्या है, एक कंटेनर है। यूरो बैग आने में देर हुई तो हो सकता है कि बोतल काट कर इसलिए लगा दिया गया हो ताकि, बिछौना ना भींग जाए। लावारिश मरीज को भी प्रतिष्ठा के साथ रखा गया। ढंग से बेड-बिछौना भी दिया गया। सिविल सर्जन के इस दृष्टिकोण ने मरीजों की सुविधा की प्रति उनकी गंभीरता के दर्शन करा दिये।

मरीज की मौत, सिविल सर्जन बोले- कभी कभार ऐसा हो जाता है

उन्होंने कहा कि यह सोचना चाहिए कि आपातकालीन में लावारिश मरीज है। कोई उसे देखने वाला नहीं है। केथेटर और यूरो बेग आने में देरी हुई, तो डॉक्टर ने मरीज को बोतल लगा दिया। कभी-कभी ऐसा हो जाता है। बोतल लगाने से संक्रमण नहीं हो सकता है। हालांकि यह बात अलग है कि उक्त जख्मी मरीज की मंगलवार की रात मौत हो गई है। सिविल सर्जन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारणों का पता चलने की बात कही है।

बहरहाल, इस घटना से अस्पताल की व्यवस्था और सुविधा सुधार के साथ आधुनिकता से हाईटेक बनाने के प्रयास को तगड़ा छटका लगा है। आपातकालीन सेवा के स्टॉक में अगर दवाई, इंजेक्शन और रोगी को राहत प्रदान करने वाले मेडिकल उपकरण उपलब्ध न हों, तो अस्पताल की व्यवस्था कैसी होगी, समझा जा सकता है।

सोमवार देर रात का है मामला

बता दें कि झाझा रेल पुलिस ने उक्त मरीज को सोमवार की रात सदर अस्पताल पहुंचाई थी। बहरहाल, सिविल सर्जन डा कुमार महेंद्र प्रताप ने यह भी बताया कि इस मामले में सदर उपाधीक्षक और अस्पताल मैनेजर को शो-काउज किया गया है। साथ ही एक विस्तृत रिपोर्ट खुद तैयार कर रहा हूं। यह रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी। इसमें कौन डाक्टर, किस स्टाफ की डयूटी थी। कौन स्टोर के इंचार्ज थे। सब बिंदू पर जांच होगी।

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