PM Modi : बिहार में राष्ट्र की बढ़ी ताकत का एहसास करा गए प्रधानमंत्री मोदी, इन पुरानी यादों को भी किया ताजा
Bihar Politics बिहार के जमुई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल विशाल जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने पूरा फोकस राष्ट्र की नीति पर रखा। नोटिस करने वाली बात यह थी कि जिस राम मंदिर के सहारे भारतीय जनता पार्टी की बुनियाद खड़ी हुई उसी राम मंदिर के निर्माण का श्रेय लेने की बहुत ज्यादा कोशिश नहीं दिखी।
अरविंद कुमार सिंह, जमुई। Bihar Political News Hindi: किऊल नदी का कछार और चुनावी बयार। इसी बयार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बदलाव की बयार का पैमाना माना। अनुनय के साथ राष्ट्र की बढ़ी ताकत का बखूबी एहसास करा बयार को तूफान में बदलने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने विरोधियों पर प्रहार करने से लेकर विकास का एजेंडा, देश की एकता, अखंडता तथा संप्रभुता के साथ-साथ अपनापन के भाव का सहारा लिया।
राम मंदिर पर ज्यादा फोकस नहीं रहा
नोटिस करने वाली बात यह थी कि जिस राम मंदिर के सहारे भारतीय जनता पार्टी की बुनियाद खड़ी हुई, उसी राम मंदिर के निर्माण का श्रेय लेने की बहुत ज्यादा कोशिश नहीं दिखी। यहां उन्होंने नक्सलवाद पर भी प्रहार किया और बताया कि कैसे विकास के हाईवे पर तेज रफ्तार के आगे नक्सलवाद ने दम तोड़ा है।
40 सीटें एनडीए की झोली में जाएंगी: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी अपने अंदाज में संबोधन की शुरुआत स्थानीय भाषा में करते हुए गिद्धौर की मां दुर्गा तथा धनेश्वर धाम का जयकारा लगाया और परिवर्तन के संदेशवाहक भगवान महावीर की धरती को पहले नमन किया। फिर भीड़ को शुभ संकेत मानते हुए चुनावी सभा को विजय सभा का नाम दिया। मोदी यहीं नहीं रुके। कहा, जनसैलाब का मूड बता रहा है कि जमुई, नवादा, मुंगेर और बांका सहित बिहार की सभी 40 सीटें राजग की झोली में जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिर एक बार और भीड़ से आई आवाज मोदी सरकार...।रामविलास पासवान को याद कर भावुक हुए पीएम मोदी
पूर्व मंत्री रामविलास पासवान को याद कर वे भावुक हो जाते हैं। इसी दर्द के माध्यम से दलित वोटों की राजनीति को साधते हुए आगे बढ़ते हैं। कहते हैं कि उन्हें संतोष है कि उनके विचार को चिराग गंभीरता से आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन 19 अप्रैल को आप जो समर्थन देंगे, वही रामविलास पासवान के संकल्पों को मजबूती प्रदान करेगा।इस भावुक पल से निकलते ही प्रधानमंत्री कांग्रेस और राजद पर हमलावर मोड में आ जाते हैं। बिहार की धरती को दुनिया को दिशा दिखने वाला बताते हुए कहते हैं कि इस धरती के साथ आजादी के बाद शासन करने वाले लोगों ने न्याय नहीं किया। 2005 में एनडीए ने बिहार को दलदल से बाहर निकाला।
इसमें नीतीश कुमार की भूमिका को उन्होंने रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने 2024 के चुनाव को भविष्य के लिए निर्णायक और विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने का चुनाव बताते हैं। विकास के दायरे से बाहर निकलते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद का बोध करने में भी नहीं चूके।पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर हमला किया और अपने चिर परिचित अंदाज में भीड़ से मुखातिब होते हैं। कहते हैं-ऐसे नहीं चलेगा....। बताया कि अशोक सम्राट और चंद्रगुप्त का भारत अब कैसे दुनिया को दिशा दे रहा है।
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