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'शरीर से दुर्गंध आती है'; बिहार में गर्भवती को अस्पताल में नहीं मिली जगह, वार्ड के बाहर दिया बच्चे को जन्म

Bihar News बिहार के जमुई जिले में एक गर्भवती को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया क्योंकि उसके शरीर से दुर्गंध आ रही थी। ऐसे में महिला ने अस्पताल के परिसर में ही अपने बच्चे को जन्म दिया। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं। महिला के पति ने मामले में विभाग के अफसरों से शिकायत की है।

By Manikant Singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Tue, 27 Aug 2024 04:32 PM (IST)
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Jamui News: जमुई में अस्पताल परिसर के बाहर महिला।

संवाद सहयोगी, जमुई। Bihar News बिहार के जमुई जिले (Jamui News) में व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली खबर सामने आई है। यहां प्रसवपीड़ा से कराह रही एक गर्भवती को अस्पताल में यह कहकर भर्ती नहीं किया गया कि उसके शरीर से दुर्गंध आती है। इसके बाद महिला ने अपने बच्चे को अस्पताल के परिसर में ही जन्म दिया।

जानकारी के अनुसार, मामला जमुई जिले के खैरा सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र का है। अस्पताल परिसर में बाहर ही महिला अपने बच्चे के साथ लेटी हुई दिखाई पड़ रही है।

आरोप है कि अस्पताल में भर्ती होने आई प्रसूता को वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने जगह नहीं दी। इतना ही नहीं प्रसूता का किसी ने इलाज तक नहीं किया।

आरोप है कि इसकी वजह से मजबूरन प्रसूता ने अस्पताल के बरामदे पर बच्चे को जन्म दिया। मामले को लेकर प्रसूता के पति अमारी निवासी अजीत यादव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवेदन देकर दोषी स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

स्वजन ने लगाए गंभीर आरोप

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा में चिकित्सकीय सेवा और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई। यहां प्रसव पीड़ा से तड़प रही प्रसूता को बेड नहीं दिया गया। ऐसे में प्रसूता ने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।

नवजात के आगमन पर परिवारवाले खुश होने के बजाय व्यवस्था के दर्द से सिसक रहे थे। स्वजनों का आरोप है कि अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने यह कहकर बेड नहीं दिया की प्रसूता के शरीर से बदबू आ रही है।

दरअसल, अमारी निवासी अजीत यादव की पत्नी सिंधु कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद सोमवार की शाम पांच बजे खैरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था।

अजीत यादव ने अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद महिला स्वास्थ्य कर्मियों से पत्नी सिंधु को बेड उपलब्ध कराकर इलाज करने के लिए कहा।

परंतु, महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने यह कहकर सिंधु को बेड उपलब्ध नहीं कराया कि उसके शरीर से दुर्गंध आ रही है। इतना ही नहीं सिंधु का इलाज तो दूर उसे छूना भी जरूरी नहीं समझा।

इलाज के अभाव में रात भर सिंधु प्रसव पीड़ा से कराहती रही और मंगलवार की सुबह फर्श पर ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया।

सिंधु के पति अजीत के अनुसार प्रसव होने के बाद जब उसने नवजात को देखने के लिए महिला स्वास्थ्य कर्मियों से कहा तो उससे एक हजार रुपये की मांग भी की गई।

यह मामला संज्ञान में आया है। अगर लिखित शिकायत मिलती है तो जांच कर दोषी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारियों को लिखा जाएगा। - डॉ. अमित आनंद, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खैरा

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