Bihar Police जमुई जिले में एक ऐसा भी गांव है जिसका कोई थाना नहीं है। अगर किसी के साथ के साथ कोई अन्याय होता है तो उसे अपनी शिकायत लेकर एक थाने से दूसरे में भटकना पड़ता है पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पाती है। पुलिस पल्ला झाड़ लेती है। गांव में भी पुलिस नहीं आती है। अपराधी इसका भरपूर फायदा उठाते हैं।
By Sanjay Kumar SinghEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Sun, 17 Dec 2023 03:17 PM (IST)
विधु शेखर, सिकंदरा (जमुई)।
जमुई जिले में एक ऐसा भी गांव है, जिसका कोई थाना नहीं है। अगर किसी के साथ के साथ कोई अन्याय होता है तो उसे अपनी शिकायत लेकर एक थाने से दूसरे में भटकना पड़ता है, पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पाती है। पुलिस पल्ला झाड़ लेती है। गांव में भी पुलिस नहीं आती है।
अपराधी इसका भरपूर फायदा उठाते हैं। आजादनगर नामक यह गांव सिकंदरा प्रखंड की गोखुला फतेहपुर पंचायत में आता है।
आजादनगर के नजदीक दो-दो थाने होने के बावजूद ग्रामीणों सुरक्षा से वंचित हैं। इस गांव को किसी थाने से टैग ही नहीं किया गया है।
पहले यह गांव सिकंदरा थाना के अंतर्गत था। वर्ष 2021 में लछुआड़ थाना बनने के बाद ग्रामीणों का थाना छिन गया। अब यह गांव न तो सिकंदरा और न ही लछुआड़ थाने में पड़ता है। शिकायत लेकर जाने वाले ग्रामीणों की दोनों में से किसी जगह सुनवाई नहीं हो पाती।
इस गांव से लछुआड़ थाने की दूरी महज डेढ़ किलोमीटर और सिकंदरा थाने की दूरी तीन किलोमीटर के करीब है। सिकंदरा के थानाध्यक्ष विजय कुमार का कहना है कि पिछले एक वर्ष में एक हत्या समेत पांच केस दर्ज आजादनगर से दर्ज किए गए। यह गांव लछुआड़ थाने के अधीन है।
लछुआड़ थाना द्वारा केस नहीं लेने पर वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार केस दर्ज किया गया। वहीं, लछुआड़ के थानाध्यक्ष विजेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि आजादनगर गौहरनगर गांव का टोला है जो गोखुला फतेहपुर पंचायत के अधीन है। गोखुला फतेहपुर सिकंदरा थाने के क्षेत्राधिकार में है।
ऐसे में केस लेना जायज नहीं है। इसे लेकर पीड़ित को सिकंदरा थाने भेजा जाता है।
एसपी डा. शौर्य सुमन का कहना है कि थानों का विवाद उनके संज्ञान में है। यह बड़ी बात है। इस संदर्भ में ग्रामीणों ने भी एक आवेदन दिया है। इस पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
एक माह तक भटकने के बाद केस किया दर्ज
घटना 29 मई 2023 की है। संजीत कुमार की बाइक चोरी हो गई। संजीत ने बताया कि वह सिकंदरा थाने केस दर्ज कराने गया तो उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि वह लछुआड़ थाना जाए। उसके क्षेत्राधीन नहीं है। जब लछुआड़ थाने गए तो उसे सिकंदरा थाने जाने की नसीहत दी गई। ऐसे ही दोनों थाने का चक्कर लगाते एक माह बीत गया।
इसके बाद बहुत प्रयास और आरजू-मिन्नत पर सिकंदरा थाना में केस दर्ज किया। एक सप्ताह पूर्व की बात है आजादनगर गांव के समाजसेवी मनोज पासवान पारिवारिक उलझन में सनहा दर्ज कराने सिकंदरा थाने गए। उन्हें लछुआड़ थाना जाने को कहा गया। आखिरकार उन्होंने एसपी से अपनी शिकायत की।
एक साल से झेल रहे हैं खामियाजा
लछुआड़ में जैन तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर थाने का निर्माण कराया गया। दिसंबर 2021 में तत्कालीन एसपी प्रमोद कुमार मंडल व क्षेत्रीय विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी द्वारा थाना भवन का उद्घाटन के बाद इस थाने को पांच पंचायतों का क्षेत्राधिकार दिया गया।
पिछले एक वर्ष से कोई भी मारपीट की घटना हो या अन्य कोई घटना यहां के ग्रामीण दोनों थाने की क्षेत्राधिकार की लड़ाई में खामियाजा भुगत रहे हैं।
ग्रामीणों की शिकायत
ग्रामीण वासुदेव शर्मा ने कहा कि पारिवारिक समस्या को लेकर सनहा दर्ज कराना था, लेकिन दोनों थाना सनहा स्वीकार नहीं किया। सिकंदरा थाना लछुआड़ थाना जाने की बात कही और लछुआड़ सिकंदरा। अंत हम परेशान होकर चुपचाप रह गए।
समाजसेवी मनोज पासवान ने कहा कि सनहा दर्ज कराने में दोनों थाने का चक्कर लगाते थक गया। परंतु किसी थाने की पुलिस ने दर्ज करना मुनासिब नहीं समझा। अंत में थक हारकर एसपी से फरियाद लगाकर किसी एक थाने में गांव को टैग कर लेने की गुहार लगाई है।
ग्रामीण रोहित पासवान ने कहा कि गांव में रात को कुछ चोरों को देखने के बाद लछुआड़ थाना में इसकी सूचना देने गए। लछुआड़ थाना सिकंदरा थाना को खबर करने की बात कही। इसी प्रकार सिकंदरा ने लछुआड़ जाने की बात कही। बाद में हमने इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी।
साथ ही गांव के दो-चार युवा को लेकर एक टीम बनाकर चोरो से निपटने को लेकर कवायद में जुट गए। आखिर इस गांव का क्या कसूर है कि इसे किसी थाने में टैग नहीं किया गया।
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