15 घंटे बाद पहुंची पुलिस, आक्रोशितों ने पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी
जमुई। चकाई थाना के गुरूड़बाद गांव में नक्सलियों द्वारा दो लोगों की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना के 15 घंटे बाद शव को कब्जे में लेने पहुंची पुलिस को आक्रोशित ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
जमुई। चकाई थाना के गुरूड़बाद गांव में नक्सलियों द्वारा दो लोगों की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना के 15 घंटे बाद शव को कब्जे में लेने पहुंची पुलिस को आक्रोशित ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बुधवार दोपहर एक बजे के करीब एएसपी अभियान सुंधाशु कुमार, झाझा डीएसपी भास्कर रंजन, चकाई पुलिस इंस्पेक्टर चन्देश्वर पासवान, बटिया कैंप के कमांडेंट धर्मेंद्र कुमार, अवर निरीक्षक संजीत कुमार, भेलवाघाटी थाना प्रभारी एमजे खान सुरक्षाबलों के साथ मृतक के घर पहुंचे और शव उठाने की कागजी प्रक्रिया प्रारंभ की। पुलिस को देखते ही ग्रामीण और परिजन देर से पुलिस के पहुंचने को लेकर काफी आक्रोशित हो गए और पुलिस के खिलाफ पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे और मृतक की पत्नी को नौकरी, पांच लाख मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाने तथा एसपी के घटनास्थल पर आने पर ही शव उठने देने की मांग पर अड़ गए। इस दौरान कई बार पुलिस और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक हुई। दोपहर तीन बजे के करीब सुन्नी उलेमा बोर्ड के जमुई जिलाध्यक्ष जिआउल गफ्फारी द्वारा समझाने और पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा पारिवारिक लाभ योजना के तहत दोनों मृतक की पत्नी को 20-20 हजार का चेक शाम को देने तथा बाद में 4-4 लाख का मुआवजा सहित अन्य सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिए जाने के बाद परिजनों ने शव को उठाने दिया।